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कोराना महामारी से लड़ने के लिए राज्यों का केंद्र से निर्देशित होना व्यवहारिक नहीं : शिवानंद

पटना 12 मई (वार्ता) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने केंद्र सरकार पर महामारी का मुकाबला करने के लिए ब्रिटिश शासन में बने कानून का इस्तेमाल कर सभी अधिकार अपने पास रखने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति में एक विशाल लोकतांत्रिक देश में राज्यों का केवल केंद्र से निर्देशित होना व्यवहारिक नहीं है।
श्री तिवारी ने यहां कहा कि भारत विशाल देश है, इसलिये कोरोना जैसी महामारी का मुकाबला करने के लिए राज्यों का केंद्र से निर्देशित होना व्यवहारिक नहीं है। संविधान में नागरिकों के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा राज्यों को दिया गया है लेकिन महामारी का मुकाबला करने के लिए अंग्रेजों के जमाने के बने कानून का प्रयोग कर केंद्र सरकार ने राज्यों के सारे अधिकार अपने हाथ में ले लिए हैं।
राजद नेता ने कहा कि अंग्रेज सरकार ने प्लेग जैसे महामारी का मुकाबला करने के लिए यह अति केंद्रित कानून वर्ष 1897 में बनाया था लेकिन आज देश में संघीय लोकतांत्रिक शासन की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि राज्यों में भी जनता द्वारा चुनी हुई सरकारें हैं। ऐसे में राज्य सरकारों के सारे अधिकार अपने हाथ में ले लेना और दिल्ली से ही संपूर्ण देश के लिए नियम बनाना व्यावहारिक नहीं कहा जाएगा।
श्री तिवारी ने कहा कि कोरोना महामारी में किस राज्य का कौन जिला रेड जोन में रहेगा और कौन ग्रीन में, यह फैसला भी दिल्ली से हो रहा है। हो सकता है कि राज्य सरकार जरूरत के मुताबिक महसूस करती हो कि संपूर्ण जिले में नहीं बल्कि जिले के किसी प्रखंड में ही लॉकडाउन की जरूरत है। इसलिए राज्यों को निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को संकट की इस घड़ी में राज्यों को वित्तीय और तकनीकी बल प्रदान करने की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करना चाहिए, जैसे बिहार को जांच का दायरा बढाने के लिए ज्यादा जांच कीट की जरूरत है। केंद्र को यथाशीघ्र इसकी आपूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए।
सूरज शिवा
जारी (वार्ता)
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