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नेपाल ने पूर्वी चंपारण में लालबकेया नदी के तटबंध का निर्माण कार्य रोका

मोतिहारी 19 जून (वार्ता) नेपाल ने एक बार फिर बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के ढाका में लालबकेया नदी पर भारतीय क्षेत्र में चल रहे तटबंध निर्माण कार्य को रोककर विवाद पैदा कर दिया है।
पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने शुक्रवार को यहां बताया कि भारत-नेपाल सीमा के निकट भारतीय क्षेत्र में तटबंध निर्माण पर नेपाल की ओर से रोक लगाई गई है। इस संबंध में राज्य और केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि कोशिश की जा रही है कि दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत से उस स्थान की पैमाइश करा ली जाये और मामले को सुलझा लिया जाये।
वहीं, अपर समाहर्ता अनिल कुमार ने बताया कि नेपाल ने तटबंध के 500 मीटर के हिस्से पर आपत्ति जतायी है। हालांकि तटबंध बनाने का ज्यादातर काम हो चुका है लेकिन तटबंध पर गार्डर लगाने से लेकर सड़क बनाने का काम अभी बाकी है। नेपाल ने यह काम रुकवा दिया है। कोशिश की जा रही है कि जमीन की मापी कराकर मामले को स्थानीय स्तर पर सुलझा लिया जाये। लिहाजा सीमा और तटबंध की मापी कराने की भी कोशिश की जा रही है लेकिन मामला अब तक नहीं सुलझा है।
नेपाल से निकलकर पूर्वी चंपारण जिले के ढाका प्रखंड के गुआबारी होते हुए लालबकेया नदी जमुआ और खोड़ीपाकड़ के रास्ते देवापुर गांव में बागमती नदी में समाहित हो जाती है। यह नदी नेपाल की पहाड़ियों से गुजरती हुयी नेपाल के रौतहट जिले के गौर के रास्ते भारत के गुआबारी गांव में आती है। नेपाल प्रशासन का इसी स्थल को लेकर आरोप है कि भारतीय अधिकारी नो मेन्स लैंड पर बांध, गाटर और पहुंच पथ का निर्माण करा रहे हैं।
लालबकेया नदी में हर साल आने वाली बाढ़ भारतीय क्षेत्र में तबाही मचाती है। वर्ष 2017 में आयी भीषण बाढ़ के बाद नदी पर तटबंध बनाने का फैसला लिया गया लेकिन पिछले साल भी नेपाल ने तटबंध का काम रुकवा दिया था। हालांकि दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बात हुई तो मामला सुलझ गया लेकिन अब फिर से तटबंध निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। इन दिनों नेपाल के तेवर लगातार बदलते नजर आ रहे हैं। पिछले सप्ताह बिहार के सीतामढ़ी जिले से लगी सीमा पर नेपाल पुलिस ने अचानक भारतीय नागरिकों पर गोलियां बरसायी थी, जिसमें भारत के एक नागरिक की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए थे।
इस घटना को भारत-नेपाल नक्शा विवाद की ही एक कडी माना जा रहा है। हाल ही में नेपाल की संसद ने नक्शे में संशोधन को मंजूरी दी है। इस नए नक्शे में नेपाल ने भारत के कुछ इलाकों को अपना बताया है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन के बहकावे में आकर नेपाल अब भारत के साथ प्राचीन मैत्रीपूर्ण संबंधों को तोड़ने पर आमदा है और जानबूझकर रार कर रहा है।
सं सूरज शिवा
वार्ता
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