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अदालत में आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी पुलिस, तस्कर को मिली जमानत

गोपालगंज, 22 जून (वार्ता) बिहार में गोपालगंज जिले की एक विशेष अदालत में पुलिस की ओर से शराब तस्करी के मामले में निर्धारित अवधि के दौरान आरोप-पत्र समर्पित नहीं करने के कारण सोमवार को एक तस्कर को जमानत मिल गयी।
अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश सह विशेष अदालत (उत्पाद) के न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी की अदालत में तस्कर के खिलाफ जिले की कुचायकोट पुलिस निर्धारित अवधि में आरोप-पत्र दाखिल नहीं कर सकी। अदालत ने पुलिस की ओर से आरोप-पत्र सौंपने का काफी समय इंतजार करने के बाद भारतीय दंड विधान की धारा 167 के तहत आरोपित की जमानत मंजूर कर ली।
जिले की कुचायकोट थाने की पुलिस ने दो मार्च 2020 को मलही गांव के निकट वाहन जांच के दौरान अशोक साह को करीब 250 बोतल शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले की सुनवाई विशेष (उत्पाद) अदालत में शुरू हुई। आरोप-पत्र नहीं मिलने के कारण अदालत ने कानूनी प्रावधानों के तहत आरोपित को जमानत दी है।
विशेष लोक अभियोजक रविभूषण श्रीवास्तव ने यहां बताया कि शराब बरामदगी के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के 60 दिन के भीतर अदालत को आरोप-पत्र सौंपने का नियम है। आरोपी गिरफ्तार हो या नहीं हो आरोप-पत्र जरूरी है। कुचायकोट कांड संख्या 74/20 में आरोपित के गिरफ्तार होने के बाद भी अदालत को आरोप-पत्र नहीं सौंपने के कारण उसे जमानत मिली है। मामले के अनुसंधानकर्ता कुचायकोट के थानाध्यक्ष थे। अदालत ने मामले में दोषी पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई किए जाने का भी निर्देश दिया है।
इस बीच पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि अदालत का आदेश अभी प्राप्त नहीं हुआ है। अदालत को ससमय आरोप-पत्र नहीं दिया जाना गंभीर अपराध है। मामले में अदालत का निर्देश आने के बाद दोषी पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी।
सं सतीश सूरज
वार्ता
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