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दुमका की सड़कें बदहाल, खामोश है हेमंत सरकार : लुईस

दुमका,16 जुलाई (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं झारखंड की पूर्व समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी ने कहा कि दुमका को अपनी कर्मभूमि बताने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपेक्षा के कारण जिले की मुख्य सड़कों की हालत खराब हो गयी है।
डॉ. मरांडी ने गुरुवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका को उनकी कर्मभूमि होने का दावा कर इस क्षेत्र की जनता को दिग्भ्रमित किया हैं। यदि वह सच में इसे अपनी कर्मभूमि समझते तो जीतने के बावजूद दुमका सीट छोड़कर वह जनादेश का अपमान नहीं करते। उन्होंने कहा कि दुमका सीट छोड़ने के बाद से ही सड़क के साथ ही विकास की अन्य योजनाओं को लेकर जिले की उपेक्षा की जा रही है। कुछ महीने पहले तक बेहतर सड़कें जिले की पहचान थी और बिहार-पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से आने-जाने वाले लोगों को यहां की बेहतर सड़कों से सुखद अनुभूति होती थी। लोग सरकार और प्रशासन की बेहतर यातायात व्यवस्था की सराहना करते थे लेकिन पिछले कुछ महीनों में राज्य सरकार और पथ निर्माण विभाग की लापरवाही और अदूरदर्शिता के कारण जिले की एक के बाद एक सड़कें टूट रही हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि दुमका-भागलपुर मुख्य सड़क पर भूरभूरी नदी पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से पिछले कई महीने से आवागमन बंद है। लोगों को हो रही असुविधा को दूर करने के लिए अभी तक डायवर्सन तक नहीं बनाया जा सका है। क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत तथा निर्माण की दिशा में भी अभी तक किसी तरह की पहल नहीं की गयी है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जिले की खास्ताहाल सड़कों की वजह से आम जनता त्रस्त है। दुमका गुहियाजोरी-रामगढ़ पथ पर वाहनों का दबाव बढ़ने से इस सड़क की भी हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत कराने की बजाय शासन-प्रशासन ने बैरियर लगाकर वाहनों का परिचालन बंद कर अपनी विफलता को छुपाने में लगी है। भुरभुरी पुल के नहीं बनने तथा वाहनों का दवाब बढ़ने से राष्ट्रीय राजमार्ग 114 (ए) पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है‌।
सं सूरज सतीश
वार्ता
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