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झारखंड में वृद्ध बंदियों को मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ : हेमंत

रांची, 29 जुलाई (वार्ता) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को राज्य की अलग-अलग केंद्रीय जेल से रिहा होने वाले 79 वृद्ध बंदियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिये जाने का निर्देश दिया है।
श्री सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार राज्य सजा पुनरीक्षण की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य के केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट चुके कुल 127 बन्दियों को मुक्त करने का प्रस्ताव रखा गया, जिनमें से 79 बंदियों को रिहा करने पर सहमति बनी है। इनमें रांची से 50, हजारीबाग से 11, पलामू से तीन, जमशेदपुर से पांच और दुमका केंद्रीय कारागार से 10 बंदियों को रिहा किया जायेगा। बैठक में 40 बन्दियों की रिहाई के प्रस्ताव को रद्द एवं आठ प्रस्ताव को विचाराधीन रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया, “जेल से रिहा हो रहे वृद्ध बन्दियों खासकर महिला बन्दियों का विशेष ध्यान रखें। उनके परिजनों से संपर्क कर परिजनों की कॉउंसिलिंग करने के बाद ही उन्हें सौंपे। साथ ही समय-समय पर उनका हाल भी लें। यह भी सुनिश्चित करें कि ऐसे बंदी रिहा होने के बाद दर-दर की ठोकरें ना खाएं। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाना सुनिश्चित करें।”
विभिन्न कारा में बंद कैदियों को रिहा करने के लिए बंदियों के अपराध की प्रकृति, आचरण, उम्र, कारा में व्यतीत वर्ष, उनकी आपराधिक मानसिकता (ताकि बाहर निकल कर पुनः अपराध न करे), बंदी के परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अवलोकन बारीकी से किया गया। जघन्य अपराध की श्रेणी में आने वाले बंदियों पर किसी तरह का विचार नहीं किया गया।
सतीश सूरज
वार्ता
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