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सबकी सेवा की, किसी की उपेक्षा नहीं; मदरसा-संस्कृत शिक्षकों को भी ईपीएफ-वेतन वृद्धि : नीतीश

पटना 19 सितंबर (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल में सबकी सेवा और किसी की भी उपेक्षा नहीं करने का दावा करते हुए कहा कि पंचायत और नगर निकाय शिक्षकों की तर्ज पर मदरसा, अल्पसंख्यक एवं संस्कृत विद्यालय शिक्षकों को भी अगले वर्ष एक अप्रैल से ईपीएफ और 15 प्रतिशत वेतन-वृद्धि का लाभ दिया जाएगा।
श्री कुमार ने शनिवार को यहां एक, अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा श्रम संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन, कार्यारंभ एवं शिलान्यास करने के बाद कहा, “जब से काम करने का मौका मिला है, सबके लिये जो संभव हुआ है कार्य करते रहे हैं। सबकी सेवा की है, किसी की उपेक्षा नहीं की है। हमारा निवेदन है आपस में प्रेम, भाईचारा और सद्भाव का माहौल रखें ताकि हम सब मिलकर आगे और तरक्की कर सकें। कोरोना महामारी से उत्पन्न आर्थिक स्थिति में गिरावट के बावजूद हर प्रकार से लोगों के साथ-साथ सरकारी कर्मियों को भी मदद करने की कोशिश की गई है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकाय के शिक्षकों की तर्ज पर मदरसों, अल्पसंख्यक एवं संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) की सुविधा के साथ-साथ 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ 01 अप्रैल 2020 से देने का निर्णय किया गया है। शिक्षक सेवक एवं तालिमी मरकज के मानदेय में एक हजार रुपये, विद्यालय में काम कर रहे रसोइयों के मानदेय में 150 रुपये, आंगनबाड़ी सेविका के मानदेय में 300 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिये 230 रुपये तथा सहायिका के मानदेय में 150 रुपये, विकास मित्र के मानदेय में 1200 रुपये तथा किसान सलाहकार के मानदेय में एक हजार रुपये की वृद्धि की गई है।
सूरज शिवा
जारी (वार्ता)
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