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चुनाव में हार के डर से हत्या मामले में तेजस्वी को फंसा रहा जदयू : राजद

पटना 05 अक्टूबर (वार्ता) बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आज आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में अपनी हार को देखते हुए बौखलाहट में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) राजद नेता रहे शक्ति मलिक हत्याकांड में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को फंसाने में लगा है।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद मनोज झा ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को इस मामले में फंसाने के लिए सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के इशारे पर सब किया जा रहा है। बगैर सत्ता संरक्षण के यह सब नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता पर इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज हुई है। राजद दर्ज प्राथमिकी की प्रति और समन का इंतजार कर रहा है। उसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्री झा ने कहा कि जिस टेलीफोन नंबर की चर्चा विरोधियों की ओर से की जा रही है वह नंबर पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी के सरकारी आवास से 21 नवंबर 2016 को ही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा हटा लिया गया था। यह टेलीफोन नंबर श्रीमती राबड़ी देवी को विधानमंडल दल की नेता के तौर पर मिला था। इसके बाद इस नंबर का टेलीफोन वन विभाग, पटना के रेंजर कार्यालय में लगा। उन्होंने कहा कि 18 मार्च 2019 को वन विभाग के पटना कार्यालय से भी इसे हटा दिया गया।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि फोन नंबर धारक की पहचान बताने वाला मोबाइल ऐप ट्रूकॉलर पर इस नंबर को सर्च करने पर इसे तेजस्वी प्रसाद यादव के नाम पर सेव बताता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि वन विभाग से फोन के हटने के बाद विच्छेदित फोन किसके गोद में जाकर बैठ गया। विच्छेदित फोन अब विपक्ष पर हमला का माध्यम बन गया।
श्री झा ने सभी दस्तावेजी प्रमाण देते हुए कहा कि आज की तारीख में भी यह फोन नंबर निबंधित नहीं है। यह सवाल खड़ा होता है कि इस विच्छेदित फोन से कौन व्यक्ति फोन कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बीएसएनएल को भी चिट्ठी भेजकर जांच करने को कहा गया है। बगैर सत्ता संरक्षण के यह सब संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में अपनी हार को देखते हुए साजिश के तहत सत्तापक्ष सरकारी महकमों से मिलकर इस गंदे खेल में लगा है।
उपाध्याय सूरज
वार्ता
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