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श्रद्धालुओं को निरोगी काया देती है शीतला माता

राजगीर, 19 अक्टूबर (वार्ता) बिहार में नालंदा जिले के मघड़ा गांव स्थित सिद्धपीठ शीतला माता मंदिर में पूजा करने से श्रद्धालुओं को निरोगी काया प्राप्त होती है।
नालंदा जिले में बिहारशरीफ से कुछ किलोमीटर की दूरी पर परवलपुर-एकंगर सराय मार्ग पर स्थित है एक छोटा सा गांव है मघड़ा। इस गांव की पहचान सिद्धपीठ के रूप में की जाती है। शीतला माता मंदिर के प्रति लोगों की आस्था जुड़ी है। यह मंदिर प्राचीनकाल से ही आस्था का केन्द्र रहा है। यहां कभी गुप्तकाल के शासक चन्द्रगुप्त द्वितीय के समय चीनी चात्री फाह्यान ने पूजा की थी। उन्होंने अपनी रचना में शीतला माता मंदिर की चर्चा की है।
शीतला माता मंदिर में माथा टेकने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। मां शीतला महारानी अपने भक्तों की खाली झोली जरूर भरती हैं। माता की कृपा जिस पर बनी रहती है, उनपर कोई विपत्ति नहीं आती। माता अपने भक्तों को निरोगी काया देती हैं। खासकर चेचक से पीड़ित लोग माता शीतला के दरबार में आकर कंचन काया पाते हैं। यहां सभी धर्मों के लोग चेचक के निवारण के लिए माथा टेकते हैं।
मां की कृपा से नि:संतान को संतान और निर्धनों को धन की प्राप्ति होती है। माता शीतला मंदिर के पास ही एक बड़ा सा तालाब है। माता के दर्शन को आने वाले श्रद्धालु तालाब में स्नान करने के बाद ही पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता के मुताबिक तालाब में स्नान करने से चेचक रोग से मुक्ति मिल जाती है। शरीर में जलन की शिकायत है तो उससे भी राहत मिलती है।
सं प्रेम सूरज
जारी वार्ता
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