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झारखंड आंदोलनकारियों के दर्द को करीब से देखा है : जोबा मांझी

रांची, 24 अक्टूबर (वार्ता) झारखंड की महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा मांझी ने झारखंड आंदोलनकारियों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाते हुए शनिवार को कहा कि वह आंदोलनकारियों के हितों की रक्षा के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगीं।
श्रीमती मांझी ने झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ एक शिष्टाचार भेंट के दौरान कहा कि उन्होंने झारखंड आंदोलनकारी के दर्द को करीब से जाना और देखा है। किस तरह से झारखंड आंदोलनकारी अलग राज्य की लड़ाई के लिए कोसों दूर पैदल चले हैं, संघर्ष किया हैं और इस राज्य को बनाने के लिए अपनी शहादत दी है।
मंत्री ने कहा, “झारखंड आंदोलनकारी देवेंद्र मांझी के साथ मैंने बहुत करीब से इस आंदोलन को देखा है कि किस प्रकार से हमारे लोगों ने जल, जंगल और जमीन में जुड़कर झारखंड की इज्जत, माटी, मान सम्मान और पहचान के लिए लड़ाई लड़ी है। हम सभी झारखंडवासियों के लिए यह समय है कि हम इसके अस्तित्व को, इसकी पहचान को मिटने नहीं दें। इसलिए सभी झारखंडवासियों को गोलबंद होकर अपनी बातों को सरकार के समक्ष में रखें। सरकार के संज्ञान में मुझसे जितना होगा मैं हर कदम झारखंड आंदोलनकारियों के साथ में हूं।”
सुश्री मांझी ने झारखंड आंदोलन से जुड़े कई रोचक और यादगार पलों को बताते हुए अपने को गौरवान्वित महसूस किया। वार्ता के क्रम में ऐसे भी पल आए, जब उनकी आंखें नम हुई और उन्होंने झारखंड आंदोलनकारियों को दर्द को जिया। उन्होंने कहा कि जिन मूल्यों को लेकर झारखंड अलग राज्य की स्थापना हुई है उस मूल्य की रक्षा होनी चाहिए। झारखंड आंदोलन के लिए अलग राज्य के लिए लड़ने वाले सभी झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान दिया जाएगा। उनकी पहचान स्थापित किए जाएंगे।
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने मंत्री जोबा मांझी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के बल पर ही झारखंड अलग राज्य का गठन हुआ है। झारखंड आंदोलनकारियों का जो सपना है, उस सपने को धरातल पर उतारना ही हमारे जीवन का अंतिम लक्ष्य है। झारखंड में आज झारखंडियों की पहचान विलुप्त सा लगता है। इसलिए सरकार से भी हमारी मांग है और सभी झारखंड आंदोलनकारियों का दायित्व है कि प्रत्येक चौक चौराहों का नामकरण, सरकारी संस्थानों का नामकरण, पथ पत्थरों का नामकरण झारखंड आंदोलनकारियों के नाम पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए और 15 नवंबर राज्य के स्थापना दिवस पर प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारियों को राज्य सरकार प्रशस्ति पत्र, ताम्रपत्र देकर सम्मानित करने का काम करें।
झारखंड आंदोलनकारी अजीत मिंज ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के लिए बचपन से लेकर जवानी को दिया है। अब इस राज्य को सजाने और संवारने के लिए अपना संपूर्ण जीवन दूंगा। उन्होंने झारखंड आंदोलनकारियों को आह्वान किया कि इस झारखंड को बचाने के लिए और बाहरी शक्ति को रोकने के लिए सभी झारखंड आंदोलनकारियों को गोलबंद होकर एक मंच में आना चाहिए और अपने मान-सम्मान, स्वाभिमान, अस्तित्व एवं पहचान की लड़ाई लड़नी चाहिए।
मंत्री से मिलने वालों में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता पुष्कर महतो एवं गागरिया लकड़ा शामिल थे।
विनय सतीश
वार्ता
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