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चुनाव में धरे रह गए किंग मेकर उपेंद्र कुशवाहा के अरमान, रालोसपा को मिली करारी हार

पटना, 11 नवंबर (वार्ता) बिहार विधानसभा चुनाव में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट (जीडीएसएफ) बनाकर गेमचेंजर या किंगमेकर बनने का ख्वाब पालने वाले फ्रंट के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के अरमानों पर न सिर्फ जनता ने पानी फेर दिया बल्कि उनकी पार्टी को खाता तक नहीं खोलने दिया।
इस बार के विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर या किंगमेकर बनने का ख्वाब पाले छोटे-छोटे दलों से बेमेल गठजोड़ करने वाले दिग्गजों ने नए गठबंधन जीडीएसएफ का गठन किया। रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने 'गेमचेंजर' के दावे के साथ मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा), असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) तथा तीन अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा जीडीएसएफ बनाया था।
जातीय समीकरण के फाॅर्मूले पर बेमेल चुनावी गठजोड़ करने वाले क्षेत्रीय दलों के दिग्गज खुद को 'गेमचेंजर' के तौर पर पेश कर रहे थे, लेकिन परिणाम सामने आते ही उनका कोई असर नहीं दिखा। चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि लोक लुभावन नीतियों से जनता को लुभाने के दिन अब लद गए हैं। आम जनता न तो क्षेत्रीय दलों के अवसरवादी एवं बेमेल गठजोड़ का तरजीह दे रही है और न ही उनकी लोक लुभावन नीतियों को तवज्जो दे रही है। यही वजह है कि इस बार चुनाव में छोटे-छोटे दलों के बेमेल गठजोड़ करने वाले दिग्गजों को जनता ने उनकी राजनीतिक हैसियत बता दी।
प्रेम सूरज
जारी (वार्ता)
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