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दिल्ली में चल रहे आंदोलन के नेताओं ने बिहार के किसानों से समर्थन मांगा

पटना 21 दिसंबर (वार्ता) कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे आंदोलन के नेताओं ने बिहार के किसानों से समर्थन की अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने उनकी मांगों को मानकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून बनाया तो सबसे ज्यादा लाभ कृषि उत्पाद बाजार समिति(एपीएमसी) खत्म होने से नुकसान उठा रहे बिहार को ही मिलेगा ।
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2006 में एपीएमसी खत्म होने का सबसे ज्यादा प्रभाव बिहार में ही देखने को मिला है, इसके कारण किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है और किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं । यही कारण है कि बिहार से बड़ी संख्या में मजदूरों को दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाना पड़ता है । उन्होंने कहा कि बिहार के साथ पूरे देश में भी एमएसपी लागू हो इसके लिए आंदोलन चल रहा है, इसमें बिहार के किसान और मजदूरों को भी शामिल होना चाहिए।
श्री चढूनी ने कहा कि किसान के आंदोलन के कारण एमएसपी की गारंटी का कानून बनता है तो बिहार में किसानों को धान की कीमत 1000 रुपए नहीं बल्कि 1888 रुपए और मक्के की कीमत 800 नहीं बल्कि 1850 रुपए मिलेगी । इसी तरह बाकी फसलों की कीमत भी किसानों को अच्छी मिलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन कृषि सुधार कानूनों को संसद से पास कराया है उसका लाभ किसानों को नहीं बल्कि पूजीपतियों को मिलने वाला है ।
शिवा
जारी वार्ता
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