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सुपौल : नीलगाय और जंगली सुअर से फसलों को नुकसान, जिला प्रशासन गंभीर

सुपौल 05 जनवरी (वार्ता) बिहार के सुपौल जिले में नीलगाय और जंगली सुअर के उत्पात से फसलों को नुकसान के साथ ही जान-माल की हो रही क्षति को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में कारगर कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया है।
जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने नीलगाय और जंगली सुअर के उत्पात से हो रहे नुकसान को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को यहां कहा कि वह बुधवार को वन विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक कर इस समस्या के निदान के लिए विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में नीलगाय एवं जंगली सुउर का सर्वे कराकर इस दिशा में आवश्यक कमद उठाए जाएंगे ताकि किसानों की फसल और जानमाल की क्षति को रोका जा सके।
जिले में मकई, गेहूं, धान, मूंग या आलू की फसल बुवाई के कुछ समय बाद से ही नीलगाय और सुउर फसलों का नुकसान करने लगते हैं। वहीं, सुउर आलू, शंकरकंद सहित अन्य सब्जियों को खा जाते हैं। नीलगाय के उत्पात के कारण किसानों ने पेड़-पोधे लगाना छोड़ दिया है। सदर प्रखंड के बीना गांव के किसान अजय कुमार, ललन कुमार, शंभू नाथ, दिनेश कुमार ने बताया कि उन लोगों ने आम, महगनी, कटहल समेत कई प्रकार के सैकड़ों की संख्या में पेड़ कुछ महिने पूर्व लगाए थे लेकिन नीलगाय ने एक भी पौधे को पनपने नहीं दिया।
कुछ महीने पूर्व एक सुउर ने जिले के एकमा पंचायत के बारा टोला के सत्तो यादव पर हमला कर घायल कर दिया था। इसी तरह सोमवार शाम बीना पंचायत में मंदिर जाते समय नीलगाय ने अखिलेश ठाकुर और जगन्नाथ ठाकुर पर हमला कर दिया। जगन्नाथ ठाकुर ने भाग कर अपनी जान बचा ली लेकिन अखिलेश ठाकुर नीलगाय की चपेट में आ गए। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सदर अस्पताल लाया गया लेकिन उनकी गंभीर स्थिति को देख चिकित्सकों ने उन्हें पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (पीएमसीएच) रेफर कर दिया है।
सं सूरज सतीश
वार्ता
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