राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Feb 28 2021 8:16PM कृषि कानून और सवर्ण गरीबों का आरक्षण हो समाप्त : शोसदपटना 28 फरवरी (वार्ता) शोषित समाज दल (शोसद) ने तीन कृषि कानून और आर्थिक आधार पर सवर्ण को मिलने वाले दस प्रतिशत आरक्षण समाप्त करने समेत 19सूत्री मांग के समर्थन में आज बिहार के राज्यपाल के समक्ष धरना दिया। शोसद के प्रदेश अध्यक्ष उमेश पटेल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को शहीद जगदेव प्रसाद की 99वीं जयंती के समापन के अवसर पर राज्यपाल से मुलाकात कर तीन कृषि कानून और आर्थिक आधार पर सवर्ण को मिलने वाले दस प्रतिशत आरक्षण समाप्त करने समेत 19सूत्री मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा और दल के समर्थकों ने उनके समक्ष धरना दिया। शोसद की अन्य मांगों में आरक्षण के मूल अधिकार में छेड़-छाड़ बंद करने, शहीद जगदेव प्रसाद को भारत रत्न से सम्मानित करना, पाठ्य पुस्तकों में उनकी जीवनी को शामिल करना, मगध विश्वविद्यालय और अरवल-सहार पुल का नाम शहीद जगदेव प्रसाद करना, दलित प्रतिनिधियों का चुनाव दलित मतदाताओं और दलितों की नियुक्ति में दलित पदाधिकारियों द्वारा साक्षात्कार लेना शामिल है। शोसद के बिहार प्रदेश की संसदीय समिति के अध्यक्ष प्रो. उमाकांत राही ने धरना में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानून किसानों के गले का फंदा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की कठपुतली बनकर देश में सांप्रदायिकता का जहर घोल राष्ट्रीय एकता को खंडित करने की साजिश कर रही है। मोदी सरकार में सामंती और सांप्रदायिक ताकतों का मनोबल काफी बढ़ गया है। मानववादी चिंतक लक्ष्मण चौधरी ने आरक्षण को मूल अधिकार से हटाने को राष्ट्र घातक करार दिया और कहा कि बिहार की नीतीश सरकार में विधि-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आर्थिक आधार पर सवर्णों के लिए आरक्षण लागू कर स्वयं को कलंकित कर लिया है। वहीं, शोसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुनीराम शास्त्री ने कहा कि देश घोर गरीबी, भुखमरी, बेकारी और महंगाई से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार दलितों के विरोध में काम कर रही है। सूरजवार्ता