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जहां लोक होंगे वहां विविधता होगी : कुलपति

दरभंगा, 02 मार्च (वार्ता) बिहार के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शुमार ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह ने आज कहा कि विविधता में श्रेष्ठता लोक का निर्माण करती है।
श्री सिंह ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के संगीत एवं नाट्य विभाग की ओर से " लोक के विविध रंग " विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि जहां लोक होंगे वहां विविधता होगा ही। लोक के साथ विविधता जुड़ा हुआ रहता है। विविधता में जो श्रेष्ठता है वह लोक का निर्माण करती है। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो रंग हम देना चाहते हैं वह कितना सुन्दर, हितकारी, दूरगामी होगा ये अलग-अलग पक्ष हैंपरन्तु वह रंग जो किसी के विचार में,सोच में नहीं आया हो वह सर्वोत्तम होगा।
पद्मभूषण डॉ. श्रीमती शारदा सिन्हा ने लोक के विविध रंगों में लोक गीत की अनुपम व्याख्या की। उन्होंने लोक शैली की अनेक रचनाओ को गाकर भी सुनाया।उन्होंने कहा कि लोकगीतों को फिल्मों में भी अपनाया गया है और उन्हीं धुनों पर फिल्मी गीतों को बनाया गया है ,यथा- पिया मोर बालक हम तरूणी गे( तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ) इत्यादि।
सं. सतीश
वार्ता
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