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झारखंड में कोल बेड मिथेन गैस का मिला भंडार, बिजली और रसोई गैस की किल्लत होगी दूर

रांची, 07मार्च (वार्ता) झारखंड के हजारीबाग, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ के कोयला खनन क्षेत्रों से कोल बेड मिथेन गैस का बड़ा भंडार मिला है।
हजारीबाग के जिले के बड़कागांव प्रखंड के हरली गांव स्थित सीमाही बागी टोला में भी हाल के दिनों में मिथेन गैस के बड़े भंडार का पता चला है। मिथेन प्राकृतिक गैस है। यह जमीन की गहराई में पायी जाती है। खासतौर पर यह कोयला खदानों में मिलती है। इसे ही कोल बेड मिथेन कहते है। करीब दो साल पहले यहां कोयला का पता लगाने के लिए करायी गयी बोरिंग से लगातार पानी के साथ आग भी निकल रही है। जिससे आसपास के इलाके में भय और दहशत का भी माहौल है। देश का सबसे बड़ा कोल बेड मिथेन भंडार झारखंड में है। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में सर्वाधिक 722.09 बिलियन घन मीटर कोल बेड मिथेन का भंडार मौजूद है।
आयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन, (ओरएनजीसी) लिमिटेड की ओर से राज्य के कई कोल बेड मिथेन ब्लॉक के संचालन की प्रक्रिया भी शुरू की चुकी है, इनमें बोकारो, नार्थ कर्णपुरा और झरिया में अवस्थित मिथेन ब्लॉक शामिल है। धनबाद, रामगढ़ और बोकारो जिले में 16 लाख घन मीटर मिथेन गैस का भंडार मिलने के बाद ओएनजीसी की ओर से इन क्षेत्रों में करीब 300 कुएं खोदने का फैसला लिया गया है। इस गैस से प्रति वर्ष लगभग 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा और 20 लाख से अधिक परिवारों को एलपीजी के विकल्प के रूप में मिथेन गैस उपलब्ध करायी जा सकेगी। साथ ही औद्योगिक इकाईयों में भी इधन की समस्या कम होगी।
झारखंड में धनबाद, बोकारो, रामगढ़ , हजारीबाग और चतरा जिले के कोयला खनन क्षेत्रों में इस गैस की बहुलता की संभावना है। मिथेन गैस अन्वेषण और संशोधन की प्रक्रिया को लेकर ओएनजीसी की ओर से आवश्यक तैयारियां की जा रही है। ओएनजीसी की मांग पर राज्य सरकार की ओर से बोल बेड मिथेन गैस परियोजना को लेकर जमीन भी उपलब्ध करायी जा रही है। कई जिलों में जमीन उपलब्ध करा दी गयी है और मांग के अनुरूप अन्य स्थानों के लिए भी जमीन उपलब्ध करा दी गयी है।
विनय सतीश
वार्ता
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