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परियोजना लागत को कम कर ससमय पूर करने की प्रणाली हो विकसित : कैग

पटना 23 मार्च (वार्ता) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने बिहार में सात साल में 68 परियोजनाओं के पूर्ण नहीं होने को लेकर टिप्पणी की है कि बिहार सरकार को देरी होने के कारण परियोजना लागत को कम कर उसे ससमय पूरा करने की प्रणाली विकसित करने की अनुशंसा की है।
उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने मंगलवार को विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2011-12 से 2018-19 के दौरान कुल 68 परियोजनाएं पूरी होने वाली थीं। हालांकि, 790.99 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली सभी 68 परियोजनाओं का विवरण विभागों ने प्रस्तुत नहीं किया था। उनकी संशोधित लागत वित्त लेखा में प्रदर्शित नहीं की गई है, जिसके कारण इसका मूल्यांकन नहीं किया गया।
कैग ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि वित्त एवं संबंधित विभागों को एक ऐसी प्रणाली विकसित करनी चाहिए ताकि परियोजनाओं में देरी के कारण होने वाली लागत को कम कर उसे ससमय पूरा किया जा सके। सभी अपूर्ण परियोजनाओं के संशोधित अनुमान को तैयार किया जाना चाहिए और प्राथमिकता के आधार पर अनुमोदित किया जाना चाहिए ताकि इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक धन का वास्तविक मूल्यांकन हो सके।
सूरज
जारी (वार्ता)
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