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झारखंड उच्च न्यायालय ने सैंपल जांच में लापरवाही को लेकर सिविल सर्जन पर कड़ी टिप्पणी की

रांची, 09 अप्रैल (वार्ता) झारखंड उच्च न्यायालय ने अदालत कर्मियों के सैंपल को करीब 96 घंटे तक जांच के लिए नहीं भेजे जाने को लेकर रांची के सिविल सर्जन के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है।
मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की लचर व्यवस्था से जुड़ी एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय से जुड़े कर्मियों का सैंपल पिछले चार दिनों से जांच के लिए नहीं भेजा जा रहा है। पांच अप्रैल को सैंपल लिया गया था, अब तक जांच क्यों नहीं हुई। खंडपीठ ने सिविल सर्जन से पूछा कि सैंपल रख कर क्या कर रहे हैं। यदि अदालत के कर्मियों के साथ ऐसा सुलूक है, तो सिविल सर्जन आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार कर रहे होंगे।
अदालत ने सुनवाई के दौरान उपस्थित राज्य के स्वास्थ्य सचिव को मौजूदा स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि सिविल सर्जन की लापरवाही के कारण लिए गए सैंपल सड़ रहे हैं। 80 प्रतिशत सैंपल की जांच नहीं हुई है, इस तरह का रवैया लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है। सभी बिंदुओं पर सिविल सर्जन से विस्तृत शपथ पत्र के माध्यम से जवाब देने को कहा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए सोमवार की तिथि निर्धारित की गयी है । अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव, रिम्स के निदेशक और सदर अस्पताल के सिविल सर्जन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
सं. सतीश
वार्ता
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