राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Jun 21 2021 6:09PM हेमंत की पहल से लुप्तप्राय पहाड़िया जनजाति के दरवाजे पर विकास की दस्तकरांची, 21 जून (वार्ता) झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की पहल से राज्य में लुप्तप्राय पहाड़िया जनजाति के दरवाजे पर विकास दस्तक दे रही है। संतालपरगना स्थित गोपीकांदर प्रखंड की पहाड़ियों पर निवास करने वाले पहाड़िया जनजाति के दिन बहुर रहे हैं। राज्य सरकार पहाड़िया जनजाति के दरवाजे पर विकास की दस्तक दे रही है। उनके घरों को रोशन कर गांव तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है। गौरतलब है कि हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंत्री बनते ही सभी उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि कमजोर जनजातीय समूहों के लोग मूलभूत जरूरतों, यथा पानी, बिजली, स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाओं से आच्छादित होने चाहिए। उनके आदेश के बाद आज गोपीकांदर प्रखंड में निवास कर रहे जनजातीय समूह के बीच बिजली और पेयजल पहुंच चुका है। पहाड़िया झारखण्ड में लुप्तप्राय जनजातियों के वर्ग में आते हैं। संतालपरगना के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। इन तक मूलभुत सुविधाएं पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं था। सरकार के निर्देश पर पहाड़ियों पर स्थित उनके गांवों की मैपिंग की गई। सरकार की ओर से नियुक्त प्रतिनिधि की उपस्थिति में संबंधित गांवों में ग्राम सभा आयोजित कर उनकी जरूरतों की प्राथमिकता तय हुई। उसके बाद जनवितरण प्रणाली (पीडीएस ) के माध्यम से खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने, शिक्षा को सुलभ बनाने, कुपोषण मुक्त करने, बिजली एवं पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की पहल हुई। पेयजलापूर्ति के लिये कई गांवों में सौर ऊर्जा संचालित जल आपूर्ति प्रणाली स्थापित की गई है। विनय सतीशजारी वार्ता