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50हजार सिपाहियों से जुड़े एमएसीपी मामले में डीजीपी आदेश पारित करें: झारखंड उच्च न्यायालय

रांची, 07 अक्टूबर (वार्ता)झारखंड उच्च न्यायालय में करीब 50हजार सिपाहियों से जुड़े एमएसीपी मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई।
कोर्ट ने इस मामले डीजीपी को निर्णय लेने को कहा और निर्णय नहीं लेने पर अगली सुनवाई में अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएन पाठक की अदालत में आज हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि एमएसीपी जारी किये जाने के संबंध में वह आदेश पारित करें। अदालत ने यह भी कहा कि अगर डीजीपी इस मामले में आदेश पारित नहीं करते हैं तो अगली सुनवाई के दिन उन्हें अदालत के समक्ष उपस्थित होकर यह बताना पड़ेगा कि वह आदेश पारित क्यों नहीं कर रहे हैं।
अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सिपाहियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है। इसके साथ ही कोर्ट में यह भी कहा है कि इस तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह मामला झारखंड पुलिस के लगभग 50,000 से ज्यादा सिपाहियों से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2017 में पुलिस मेंस एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष नरेंद्र कुमार के द्वारा वित्तीय उन्नयन की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। मामले की सुनवाई याचिका में कहा गया था कि प्रत्येक 10 वर्ष पर सिपाहियों को वित्तीय उन्नयन मिलना चाहिए लेकिन राज्य सरकार प्रशिक्षण का बहाना बनाकर उन्हें वित्तीय उन्नयन (एमएससीपी) का लाभ नहीं दे रही है। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले को काफी गंभीरता से लेने का निर्देश दिया है।
विनय
वार्ता
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