राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Oct 13 2021 2:51PM ‘पालनपीठ’ के रूप में प्रसिद्ध है मंगलागौरीगया, 13 अक्टूबर (वार्ता) बिहार के गया शहर से कुछ दूर भस्मकूट पर्वत पर स्थित शक्तिपीठ मां मंगलागौरी शक्तिपीठ ‘पालनपीठ’ के रूप में पूरे देश में प्रसिद्ध है। लोक मान्यता है कि यहां मां सती का वक्ष स्थल (स्तन) गिरा था, जिस कारण यह शक्तिपीठ ‘पालनहार पीठ’ या ‘पालनपीठ’ के रूप में देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। मंगला गौरी मंदिर में पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं को 100 से ज्यादा सीढ़ी चढ़कर ऊपर जाना पड़ता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शंकर जब अपनी पत्नी सती का जला हुआ शरीर लेकर तीनों लोकों में उद्विग्न होकर घूम रहे थे तो सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से टुकड़े-टुकड़े कर दिया था। जब मां पर्वती राजा दक्ष के यज्ञ कुंड में कूद गई थी, तो उनके जलते शरीर को लेकर भगवान शिव तांडव करते हुए आकाश मार्ग से चल पड़े। भगवान शंकर के क्रोध को शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र चलाया जिसके बाद मां का शरीर अलग-अलग जगहों पर कट कर गिरा। जो बाद में शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हुआ।।सं प्रेमजारी वार्ता