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राज्य » बिहार / झारखण्ड


लोकरूचि. पटनदेवी नगर रक्षिका दो अंतिम पटना

पटना की नगर रक्षिका भगवती पटनेश्वरी हैं जो छोटी पटन देवी के नाम से भी जानी जाती हैं। यहां मंदिर परिसर में मां
महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की स्वर्णाभूषणों, छत्र एवं चंवर के साथ विद्यमान हैं। मंदिर के पीछे एक बहुत बड़ा गड्ढा है, जिसे ‘पटनदेवी खंदा’ कहा जाता है। मान्यता के अनुसार इस स्थान से मूर्तियां अवतरित हुई थीं।
बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध इस शक्तिपीठ की मूर्तियां सतयुग की मानी जाती हैं। मंदिर परिसर में ही योनिकुंड है, जिसके संबंध में कहा जाता है कि इसमें डाली जाने वाली हवन सामग्री भूगर्भ में चली जाती है। देवी को प्रतिदिन दिन में कच्ची और रात में पक्की भोज्य सामग्री का भोग लगता है। मान्यता है कि जो भक्त सच्चे दिल से यहां आकर मां की अराधना करते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
मंदिर में वैदिक और तांत्रिक विधि से पूजा होती है। वैदिक पूजा सार्वजनिक होती है, जबकि तांत्रिक पूजा चंद मिनट की होती है। तांत्रिक पूजा के दौरान भगवती का पट बंद रहता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह मंदिर कालिक मंत्र की सिद्धि के लिए प्रसिद्ध है।
प्रेम
वार्ता
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19 Apr 2024 | 9:10 PM

पटना 19 अप्रैल (वार्ता) बिहार में प्रथम चरण की चार लोकसभा सीट गया (सु), औरंगाबाद, नवादा और जमुई (सु) में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए मतदान में लगभग 48.23 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट कर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समेत 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लॉक कर दिया।

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