राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Oct 23 2021 11:30PM कोरोना के दौरान चिकित्सकों एवं कर्मियों की सेवा सराहनीय : चौहानपटना 23 अक्टूबर (वार्ता) बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने आज कहा कि कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकों एवं अन्य चिकित्साकर्मियों ने अपने जीवन को खतरे में डालकर फ्रंटलाईन वर्कर के रूप में जिस निडरता, तत्परता, कर्तव्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं के साथ मरीजों की सेवा की वह अत्यंत सराहनीय है। श्री चौहान ने शनिवार को यहां इसाकॉन पूर्वी क्षेत्र के 30वें एवं इसाकॉन बिहार एवं झारखंड के 33वें सम्मेलन-2021 के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकों एवं अन्य चिकित्साकर्मियों ने अपने जीवन को खतरे में डालकर फ्रंटलाईन वर्कर के रूप में जिस निडरता, तत्परता, कर्तव्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं के साथ मरीजों की सेवा की वह अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उस दौरान एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स ने तो आईसोलेशन वार्ड एवं आईसीयू में भर्ती और वेन्टीलेटर पर इलाजरत गंभीर मरीजों की महती सेवा की है। राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सकों को धरती पर भगवान का रूप माना जाता है। उन्हें निष्ठापूर्वक मरीजों की सेवा कर आमजन की इस धारणा को चरितार्थ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पृष्ठभूमि में रहकर कार्य करनेवाले एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स आजकल ऑपरेशन थियेटर के बाहर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दर्द प्रबंधन के क्षेत्र में उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई है। श्री चौहान ने कहा कि सर्जरी के बाद की अवधि में दर्द के अतिरिक्त कैंसर सहित अन्य बीमारियों में होने वाले असहनीय दर्द का प्रबंधन भी इनके द्वारा किया जाता है। वे आईसीयू के प्रमुख संचालक होते हैं तथा उनके उपर वहां भर्ती मरीजों की देखभाल की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। आपदा प्रबंधन के लिए गठित चिकित्सकों की टीम में भी एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे दुर्घटना या किसी भी आकस्मिक कारण से अंतिम सांसें लेते हुए व्यक्ति में जीवन का पुनः संचार कर उसकी जीवन रक्षा का प्रयत्न करते हैं। सूरजजारी (वार्ता)