राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Oct 24 2021 7:16PM जनजाति मोर्चा के माध्यम से आदिवासी समाज के नेतृत्व खड़ा करे: बीएल संतोषरांची, 24 अक्टूबर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक के दूसरे दिन रविवार को देश के जनजाति महापुरुषों के जीवनी पर भाषण कार्यक्रम के साथ आरम्भ हुई। देश भर के कई नेताओं ने बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हू, तिलका मांझी सहित देश के कई महापुरुषों की जीवनी पर प्रकाश डाला।भाजपा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने आज समापन समारोह भाषण देते हुए कहा कि झारखंड जनजाति वीरों की भूमि है। यहां की कण-कण में वीरो की गाथा समाहित है। उन्होंने कहा कि जनजाति महापुरुषों के जीवनी को पढ़कर अपने जीवन को आत्मसात करने की आवश्यकता है।उन्होंने बिरसा मुंडा मंडप में बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि अपनी संस्कृति पहचान और धर्म की रक्षा के लिए लड़ते हुए भगवान बिरसा का बलिदान पूरे देश के जनजाति समाज के लिए एक संदेश है।उस मिट्टी को नमन करते हुए कार्यकर्ता उनके संदेश को लेकर लौटे।जल जंगल जमीन का उनका उलगुलान की सुरक्षा के लिए उनका बलिदान अमर है।उन्होंने कार्यसमिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय कार्यसमिति ऐतिहासिक है, इसमे अच्छी व्यवस्था, विचार और अनुशासन का मिश्रण है।जनजाति मोर्चा के माध्यम से जनजाति समाज के बीच नेतृत्व तैयार करना है।उन्होंने कहा कि जनजाति मोर्चा के माध्यम से जनजाति समाज के अंदर राष्ट्रवादी सोच को समाहित करना है।उन्होंने कहा कि जनजाति मोर्चा के माध्यम से विचार एवं कुशलता का प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।श्री संतोष ने जनजाति मोरचा के कार्यकर्ताओं से कहा कि अधिक से अधिक प्रवास कर सिर्फ समस्याओं के बारे में बात नही करना है जबकि समस्या का निदान करना है।उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के महत्व को सामाजिक रूप से दूसरे को समझाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि मोर्चा में पद सिर्फ दायित्व लेने के लिए नही बल्कि यह उस समाज के बीच जाकर कार्य करने का माध्यम है।उन्होंने कहा कि जनजाति समाज के साथ विकास की लहर को जोड़ना है साथ ही विकास की गति को पकड़ना है।उन्होंने कहा कि जनजाति समाज का नेतृत्व खड़ा करना मोर्चा के दायित्व है। मोर्चा के कार्यकर्ता समाज के मुद्दों, समस्या एवं समाधान पर कार्य करना है। विनय जारी वार्ता