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सत्ता में उचित भागीदारी एवं जातीय जनगणना के लिए आंदोलन तेज करेगा मोमिन कॉन्फ्रेंस

पटना, 26 अक्टूबर (वार्ता) नेशनल मोमिन कॉन्फ्रेंस मोमिन समुदाय समेत अन्य पिछड़ी जातियों की आबादी के अनुपात में सत्ता में उचित भागीदारी तथा जातीय जनगणना के लिए आंदोलन तेज करेगा।
नेशनल मोमिन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. शकील उज्जमा अंसारी ने आज यहां आलमगंज स्थित नूरानी बाग में आयोजित क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस में कहा कि सत्ता में उचित भागीदारी तथा जातीय जनगणना के लिए आंदोलन तेज करने के उद्देश्य से दिसम्बर में न केवल पटना में एक बड़ी सभा की जायेगी बल्कि देश भर में अंसारियों तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के बीच व्यपाक जागरूकता अभियान चलाया जायेगा ।
डॉ. अंसारी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने से इंकार कर दिया है लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी लंबित है । इससे पहले जातीय जनगणना कराने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव डालने के उद्देश्य से आंदोलन तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के अभाव में कल्याण योजनाओं का लाभ सही लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
नेशनल मोमिन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में मोमिन समुदाय की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता। इसी समुदाय ने मोहम्मद अली जिन्ना के द्विराष्ट्र के सिद्धांत का विरोध किया। यही कारण है कि एक तरफ जहां अंग्रेजों ने अंसारी समुदाय के बुनकर पेशा को तहस- नहस करने की ठान ली और बुनकरों पर न सिर्फ कोड़े बरसाए बल्कि उनके अंगूठों को भी काट दिया।
डॉ. अंसारी ने कहा कि कमजोर राजनीतिक नेतृत्व के कारण आज अंसारी समुदाय की यह दुर्गती है कि सत्ता में इस समुदाय का प्रतिनिधित्व नगण्य है। उन्होंने कहा कि अब हम लोगों ने रणनीति तैयार कर ली है जिसके तहत सत्ता में हिस्सेदारी के लिए बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन तेज किया जायेगा।
शिवा सूरज
वार्ता
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