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निलंबित थानाध्यक्ष के दो ठिकानों पर छापेमारी में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का खुलासा

पटना 26 अक्टूबर (वार्ता) बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अवैध बालू खनन एवं गैर कानूनी व्यापार से जुड़कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सारण जिले के डोरीगंज के तत्कालीन निलंबित थानाध्यक्ष संजय प्रसाद के दो ठिकानों पर आज एक साथ छापेमारी कर करोड़ों रुपए मूल्य की चल एवं अचल संपत्ति का खुलासा किया है।
ईओयू के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि सत्यापन एवं जांच से यह पता चला है कि श्री प्रसाद ने अपने पद पर रहते हुए गैरकानूनी धंधे और बिचौलियों से सांठगांठ कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। इसी को लेकर उनके पश्चिम चंपारण जिले के साठी थाना क्षेत्र के सम्होता गांव स्थित पैतृक आवास और मुजफ्फरपुर जिले के काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र स्थित घर पर छापेमारी की गई।
सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों से पता चला है कि श्री प्रसाद अपने पदस्थापन वाले स्थानों से न केवल नकद राशि अपने बैंक खाते में लिया है बल्कि मई 2015 से अक्टूबर 2017 के बीच वेतन खाते से एक रुपए की भी निकासी नहीं की है। पद एवं प्रभाव का दुरुपयोग कर स्थानीय लोगों को नकद राशि देकर उनके खाते से अपने खाते में रुपए भी अंतरित कराया है।
ईओयू के सूत्रों ने बताया कि श्री प्रसाद ने अपनी पत्नी के नाम पर मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी अंचल में एक कीमती भूखंड तथा पत्नी के खाते में सात लाख 10 हजार रुपए जमा कराया है। साथ ही जीवन बीमा की पॉलिसियों में 11 लाख 24 हजार रुपए से अधिक के निवेश और 50 एवं एक लाखो रुपए मूल्य की दो मोटरसाइकिल भी परिवार के नाम पर है।
इनके अलावा निवेश से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज के साथ दो लाख 30 हजार रुपए भी नकद जब्त किए गए हैं। सभी बैंक खातों को जब्त कर लिया गया है। बरामद दस्तावेजों से और अधिक अर्जित अन्य चल एवं अचल संपत्तियों की भी जानकारी मिलने की संभावना है।
उपाध्याय सूरज
वार्ता
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