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कोरोना महामारी में ई-गवर्नेंस के जरिये बिहार ने की बेहतरीन पहल

पटना 17 जनवरी (वार्ता) बिहार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जिबेश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी की इस दो साल की अवधि में राज्य ने ई-गवर्नेंस के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के हर मोर्चे पर की बेहतरीन पहल की है।
श्री कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी की अवधि में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन मे जिस गति से बिहार में ई-गवर्नेंस की पहल और निवेश के अवसर पैदा किये गये हैं वह स्वागत योग्य है। बिहार सरकार ने कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों और परिस्थितीयों से निपटने में समाज के सभी वर्गों का सहयोग करने के लिए प्रावैधिकी का पूरा सदुपयोग किया है। इस दिशा में राज्य की प्रमुख पहलों में गरुड़ ऐप, बिहार कोरोना सहायता ऐप, होम आइसोलेशन ट्रैकिंग, ई-लाभार्थी के तहत ई-पीडीएस (इलेक्ट्रॉनिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली) आईटी और आईटीईएस सेक्टर में कौशल शामिल हैं।
मंत्री ने बताया कि महामारी की अवधि में हेल्थकेयर क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए कोविड के दौरान ई- संजीवनी, वंडर ऐप, रेफरल ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम, अश्विन पोर्टल, ऑनलाइन बैठक के लिए वीसी आवेदन और कॉलेज में वाईफाई इंस्टॉल करने जैसी पहल की गई। उन्होंने कहा कि दौरान सरकारी प्रणाली को सुचारु रूप से चलाने के लिए की गई कुछ प्रमुख पहलों में ई-ऑफिस शामिल है, जिसने ‘कहीं से भी क्रियान्वयन’ द्वारा उत्पादकता और पारदर्शिता में वृद्धि की है। विधान परिषद में कागज रहित प्रक्रियाओं को लागू करने वाले ई-विधान एप्लिकेशन की शुरुआत 25 नवम्बर 2021 को की गई।
श्री कुमार ने बताया कि उनके विभाग ने इन्क्यूबेशन और शोध केंद्रों पर भी बल दिया तथा प्रारंभिक योजना (आईओटी) के हिस्से के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा एवं साइबर फोरेंसिक और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के क्षेत्र में शोध कार्य और विकास कार्यों की स्थापना के लिए सी-डैक को राशि निर्गत की है। विभाग ने पटना, बक्सर और मुजफ्फरपुर में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के साथ ही कौशल-क्षमता विकास के लिए एनआईईएलआईटी को भी वित्तीय सहयोग किया है। आईआईटी, पटना को भी इनक्यूबेशन समर्थन के लिए वित्तीय सहायता की गई है। बिहार में कृषि को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही कृषि-सीओई की शुरुआत की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि विभाग को बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग, नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग, डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट सहित विविध प्रकार के क्षेत्रों में स्टार्टअप से निःशुल्क कार्यालय-स्थापन के लिए 48 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उन आवेदनों में से 25 स्टार्टअप को मूल्यांकन की प्रक्रिया के बाद कार्यालय के लिए स्थान आवंटन के लिए चयनित किया गया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए लघु अवधि दृष्टिकोण के तहत एमएसएमई के लिए खुले आवरण के कार्यालय स्थान का प्रावधान शुरू किया गया है। मध्य अवधि दृष्टिकोण के तहत डाकबंगला और बंदर बागीचा में आईटी टावर की स्थापना की जाएगी। साथ ही आईटी सिटी और आईटी पार्क बनाने की योजना बनाई जा रही है।
सूरज
वार्ता
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