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झारखंड के अकुशल ग्रामीण महिलाएं बन रहीं हुनरमंद

रांची, 17 जनवरी (वार्ता)झारखंड मेंमनरेगा के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक से अधिक महिला कर्मचारियों को शामिल करने के प्रयास में राज्य सरकार महिला श्रमिकों को कार्यस्थलों पर महिला साथी के रूप में काम करने के लिए प्रशिक्षित कर रही है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत अकुशल महिला श्रमिकों को कुशल/अर्धकुशल बनाने और 100 दिनों के काम की गारंटी पाने के लिए यह कवायद चल रही है। साथ ही, प्रतिभागियों की संख्या को बढ़ाने के लिए सरकार ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा के तहत प्रशिक्षण और नियोजन पुल में 50% महिलाओं को शामिल करने का निर्देश दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य भर में 88,939 से अधिक महिलाओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है।
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने आज बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षण के लिए चुने जाने वाली प्रत्येक महिला को प्रखंड स्तर पर नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, कनिष्ठ अभियंता, ग्राम रोजगार सेवक, क्लस्टर सुविधा टीम और राज्य संसाधन टीम के सदस्य शामिल हैं। तीन दिवसीय प्रशिक्षण अवधि के दौरान इन साथियों को मनरेगा के इतिहास और श्रम अधिकार, कार्य-स्थल प्रबंधन, कार्यस्थल पर आवश्यक न्यूनतम सुविधाएं, जॉब कार्ड, भुगतान प्रक्रिया, मापने वाले टेप का उपयोग करने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, कार्य गणना, कार्य प्रगति की निगरानी, ​​दैनिक उपस्थिति रिपोर्ट तैयार करना, मस्टर रोल प्रबंधन और अन्य तकनीकी ज्ञान प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण का उद्देश्य पूरे राज्य में अकुशल से एक अर्ध-कुशल महिला कार्यबल तैयार करना है। प्रशिक्षण के अंत में इन महिलाओं को एक मेट किट दी जाती है, जिसमें मापने वाला टेप, मस्टर रोल रजिस्टर, दिशानिर्देशों की एक प्रति, जॉब कार्ड आवेदन पत्र, नोटबुक, पेन और दैनिक उपस्थिति माप पत्र शामिल होता है।
विनय
जारी वार्ता
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