राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: May 20 2022 11:15PM राबड़ी ने राजद कार्यकर्ताओं से छापेमारी कर लौट रही सीबीआई टीम को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील कीपटना 20 मई (वार्ता) बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल(राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी अपने आवास पर दिन भर हुई छापेमारी के खत्म होने के बाद लौट रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों के खिलाफ गुस्से का प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने खुद आई और उनसे सीबीआई टीम को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की। श्रीमती राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर सीबीआई की छापेमारी जैसे ही पूरी हुई, वह बाहर आईं और नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं से सीबीआई के अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा नहीं निकालने और उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की । उन्होंने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की कि गुस्साए राजद के कार्यकर्ता अनियंत्रित न हो और वहां शांति-व्यवस्था बनी रहे । इससे पहले दिन में भी जब राजद के कार्यकर्ता श्रीमती राबड़ी देवी के आवास के बाहर नारेबाजी कर रहे थे तब श्री लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव बाहर आए थे और पार्टी कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की थी । गौरतलब है कि रेलवे में 'नौकरी के लिए जमीन' लिखवाने से संबंधित भ्रष्टाचार के एक नए मामले में सीबीआई की छापेमारी का पता चलने के बाद बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता श्रीमती राबड़ी देवी के आवास के सामने जमा हो गए थे। सीबीआई सूत्रों के अनुसार वर्ष 2004 से 2009 तक तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में श्री लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में उनके, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो पुत्री मीसा भारती और हेमा यादव तथा 12 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसी मामले को लेकर शुक्रवार को दिल्ली, पटना समेत 16 ठिकाने पर छापेमारी की गई है । प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री और राजद अध्यक्ष श्री यादव ने वर्ष 2004 से 2009 के दौरान रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप 'डी' की नौकरी के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवाकर मौद्रिक लाभ प्राप्त किया था। आरोप के अनुसार, श्री यादव ने नौकरी पाने वालों से पटना के रहने वाले लोगों के नाम जमीन लिखवाई और बाद में उन भूखंडों को अपने परिवार के सदस्यों और उनकी कंपनी के नाम बतौर उपहार हस्तांतरित करवा ली। आराेप के अनुसार, रेलवे के अलग-अलग जोन की ओर से ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया फिर भी लाभार्थियों की नियुक्ति रेलवे के मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जोन में कर दी गई। नौकरी के बदले जमीन मामले में श्री यादव के परिवार के सदस्यों को पांच बिक्री डीड और दो गिफ्ट डीड के माध्यम से पटना में 105292 वर्ग फुट जमीन प्राप्त हुई। अधिकांश भूमि का हस्तांतरण नकद के माध्यम से दिखाया गया। शिवावार्ता