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मानसून की कमी से परिस्थितियां प्रतिकूल, वैकल्पिक फसल की करें तैयारी: बादल

रांची, 21 जुलाई (वार्ता) झारखंड के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल ने कहा कि
पूरे राज्य में इस वर्ष अब तक 58 फ़ीसदी बारिश कम हुई है।
श्री बादल ने आज झारखंड राज्य फसल राहत योजना के क्रियान्वयन के संदर्भ में सभी जिलों के उपायुक्तों, कृषि पदाधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि
15 मई से 15 अगस्त के बीच बुवाई का मौसम होता है लेकिन बारिश कम होने से पूरे राज्य में 10% से भी कम बुवाई का काम हुआ है जो एक शुभ संकेत नहीं है।
श्री बादल ने कहा कि इस वर्ष बारिश कम हुई है 10% से भी कम बुआई हुई है और 65 फ़ीसदी तक बिचड़ा डाला गया है। इसे देखते हुए सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वैकल्पिक फसल की योजना तैयार रखें।कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को ससमय सरकार का सहयोग मिल सके, इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और राज्य में झारखंड राज्य फसल राहत योजना के क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों कृषि पदाधिकारियों एवं सहकारिता पदाधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी उपायुक्तों को जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक 1 सप्ताह के अंदर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही जनता की जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश जारी किया गया है। जिन क्षेत्रों में सूखा का असर ज्यादा हो सकता है, उन क्षेत्रों के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है जो क्षेत्रों का मुआयना करके अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने झारखंड राज्य फसल योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कृषि गोष्ठियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रखंड एवं जिला स्तर पर समन्वय समिति का गठन किया गया है साथ ही राज्य में 20,000 कॉमन सर्विस सेंटर एवं प्रज्ञा केंद्रों में किसान अपना निबंधन करा सकते हैं। इसके अलावा आवेदन स्वयं भी किया जा सकता है। राहत योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से किसानों को बीस हजार रूपये तक का सहयोग सरकार के द्वारा दिया जाएगा। इसके लिए रजिस्टार को ऑपरेटिव प्रतिनिधि से संपर्क कर शिकायतों की मॉनिटरिंग करेंगे तथा जो निबंधित किसान हैं और जिन्हें केसीसी का लाभ नहीं मिला है उन्हें कैंप लगाकर लाभ दिया जाएगा। योजना की सफलता एवं सुगमतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु समय पर मॉनिटरिंग एवं प्रचार करने की उन्होंने बात कही।
विनय
जारी वार्ता
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