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…हमारा एक ही धर्म, एक ही किताब : मुख्य न्यायाधीश

पटना 21 जुलाई (वार्ता) पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल ने आज कहा कि हमारा एक ही धर्म है न्याय और हमारी एक ही किताब है संविधान।
श्री करोल ने गुरुवार को यहां बिहार के प्रख्यात वकील स्वर्गीय बजरंग बहादुर सिंह के तैल चित्र के अनावरण समारोह में अपने संबोधन में कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति ही नहीं बल्कि प्रत्येक जीवित प्राणी तक न्याय को पहुंचाना ही हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीवित प्राणी तक न्याय पहुंचाने की जिम्मेदारी में वकीलों की अहम भूमिका है। न्यायाधीश तो आते-जाते रहते हैं वकील स्थाई रूप से अपनी सेवा से हर तबके को न्याय पहुंचाने का काम करते हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बिहार की न्यायपालिका देश में अग्रणी भूमिका निभा रही है। वकालत पेशे की तुलना किसी अन्य पेशे से नहीं की जा सकती। उन्होंने स्वर्गीय बजरंग बाबू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "उनसे जरूर मेरा कोई आत्मिक रिश्ता है क्योंकि उनकी मृत्यु के 14 वर्षों के बाद उनके तैल चित्र का अनावरण का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है।" उन्होंने दोबारा पटना जिला अधिवक्ता संघ के मुख्य कक्ष में स्वर्गीय बजरंग बाबू के तैल चित्र के अनावरण करने की इच्छा जताई।
समारोह को संबोधित करते हुए पटना न्याय मंडल के निरीक्षी न्यायाधीश न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने स्वर्गीय बजरंग बाबू के अपने संस्मरण साझा किए वहीं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह ने उनके आदर्शों के अनुकरण करने को ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि बतायी।
समारोह में न्यायमूर्ति राजीव रंजन, न्यायमूर्ति संजय कुमार न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा, न्यायमूर्ति सत्यव्रत वर्मा, न्यायमूर्ति मधुरेस प्रसाद, न्यायमूर्ति सुनील दत्त मिश्रा, न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा, पटना सिविल कोर्ट के प्रभारी जिला जज सत्येंद्र पांडे के साथ तमाम न्यायिक पदाधिकारी और पटना जिला अधिवक्ता संघ के सैकड़ों वकील समारोह में उपस्थित थे।
सं. सूरज
वार्ता
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