Friday, Mar 29 2024 | Time 05:43 Hrs(IST)
image
राज्य » बिहार / झारखण्ड


माकपा नेता की हत्या के मामले में दो दोषियों को सश्रम उम्रकैद की सजा

दरभंगा, 27 जुलाई (वार्ता) बिहार में दरभंगा जिले की एक सत्र अदालत में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक नेता की हत्या के मामले में बुधवार को दो लोगों को सश्रम आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है।
प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उदयवंत कुमार की अदालत ने सदर थाना क्षेत्र के मझियामा गांव निवासी माकपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर प्रसाद सिंह की हत्या के जुर्म में दोषी मानते हुए बहादुरपुर थाना क्षेत्र के देकूली गांव निवासी राजाराम पासवान और सिराही भिठ्ठी निवासी महेंद्र राम को आजीवन सश्रम कारावास और पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई । इसी नेता की हत्या के मामले में पूर्व में सात लोगों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा दी जा चुकी है।
सहायक लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि 18 अगस्त 1993 की सुबह 8.30 बजे सदर थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव में माकपा नेता महेश्वर प्रसाद सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि श्री सिंह अपने चचेरे भाई रघुबीर सिंह समेत अन्य लोगों के साथ लहेरियासराय स्थित अदालत आने के लिए साईकिल से चले थे। रास्ते में महमदपुर के अवध बिहारी सिंह के बोरिंग के निकट पूर्व से घात लगाए लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
मामले में आज दो आरोपियों के विरुद्ध अदालत में सात गवाहों की गवाही हुई है। अदालत ने राजाराम पासवान को भारतीय दंड विधान की धारा 302 में सश्रम आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदण्ड तथा आर्म्स एक्ट में पांच वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहींं, महेंद्र राम को धारा 302 में सश्रम कारावास तथा पच्चीस हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं चूकाने पर राजाराम को सात माह अतिरिक्त कारावास तथा महेंद्र राम को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
तत्कालीन सदर थाना प्रभारी सी.के, सिंह ने मृतक के भाई रघुवीर सिंह का फर्दबयान घटना स्थल पर लिया। जिसके आधार पर दस नामजद तथा एवं सात अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध सदर थाना में कांड सं.138/93 दर्ज किया।
गौरतलब है कि इसी हत्याकांड में पूर्व में आठ अगस्त 1998 को तत्कालीन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वभंर उपाध्याय की अदालत ने सत्रवाद संख्या 40/95 में सात अभियुक्तों यथा मझियाम के रामदयाल पासवान, महमदपुर के विन्दु सहनी, तारालाही के अशोक पासवान, सिनुआरा के राम खेलावन सहनी, डीहलाही के लक्ष्मी पासवान, छवैला के जीतन ठाकुर, माधोपुर के राम अशीष साह को इसी मामले में आजीवन कारावास की सजा 8 अगस्त 1998 को सुनाई थी। इसके अतिरिक्त एक अन्य नामजद अभियुक्त रंजीत साह के विरुद्ध सत्रवाद सं. 40 (बी) अभी भी लंबित है।
सं.सतीश
वार्ता
image