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कृषि में पंजाब के बराबर आय हो जाए तो बिहार का आधा कष्ट खत्म हो जाएगा - प्रशांत किशोर

पटना 03 अक्टूबर (वार्ता) चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आज कहा कि यदि पंजाब के बराबर बिहार के किसानों की आय हो जाए तो राज्य का आधा कष्ट खत्म हो जाएगा।
श्री किशोर ने 'जन सुराज' पदयात्रा के दौरान सोमवार को किसानों से संवाद के दौरान कहा कि बिहार में कृषि मुताबिक प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। यहां के किसान मेहनती हैं और बिहार में पानी की भी कोई कमी नहीं है। यहाँ के लोग मेहनतकश है और जमीन की उपजाऊ क्षमता बाकी राज्यों से बेहतर है । उन्होंने कहा कि यहां न तो पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के बीच नहरों का विवाद है ।इसके बावजूद यहाँ किसानों की हालत देश में सबसे ख़राब है।
बिहार में अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाशने के उद्देश्य से 02 अक्टूबर को पदयात्रा पर निकले चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि बिहार में किसानों को न समय से खाद मिल पाती है न उनकी फसलों का भुगतान । किसानों को बीज के लिए भटकना पड़ता है । उन्होंने कहा कि यदि बिहार के किसानों की आय पंजाब के किसानों के बराबर कर दी जाए तो बिहार का आधा कष्ट ख़त्म हो जाएगा।
श्री किशोर ने पदयात्रा के दूसरे दिन 10 किलो मीटर का सफर पैदल तय किया। यात्रा की शुरुआत दूसरे दिन पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड से हुई । श्री किशोर और उनके साथ सैकड़ों पदयात्री रात्रि विश्राम के लिए जमुनिया पहुंचे और कल सुबह फिर वही से उनकी पदयात्रा शुरू होगी ।
गौरतलब है कि श्री किशोर एक से डेढ़ साल तक राज्य में करीब 3500 कि.मी. पदयात्रा करेंगे ।
उनके अनुसार इस पदयात्रा के 3 मूल उद्देश्य हैं । पहला समाज की मदद से जमीनी स्तर पर सही लोगों को चिह्नित कर उनको एक लोकतांत्रिक मंच पर लाने का प्रयास करना।दूसरा स्थानीय समस्याओं और संभावनाओं को बेहतर तरीके से समझना और उसके आधार पर नगरों एवं पंचायतों की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध कर, उनके विकास का ब्लूप्रिंट बनाना । इस पदयात्रा का तीसरा मूल उद्देश्य बिहार के समग्र विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक विकास, कृषि, उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञों और लोगों के सुझावों के आधार पर अगले 15 साल का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना है।
शिवा
वार्ता
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