Thursday, Apr 25 2024 | Time 19:57 Hrs(IST)
image
राज्य » बिहार / झारखण्ड


टाटा स्टील कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करने में अग्रणी

(मई दिवस पर विशेष)
रामगढ़, 30 अप्रैल (वार्ता) इस्पात क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टाटा स्टील अपने कर्मचारियों विशेषकर महिला कर्मियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करने में हमेशा अपने समय से आगे रहा है।
कंपनी ने जारी बयान में बताया कि टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों के कल्याण और भलाई के लिए कई सर्वप्रथम कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिन्हें बाद में केंद्र सरकार द्वारा अपनाया गया था। कंपनी द्वारा शुरू की गई कुछ शुरुआती कदमों में कर्मचारी कल्याण योजनाओं में 1912 में आठ घंटे का कार्य दिवस, 1915 में निःशुल्क चिकित्सा सहायता, 1920 में वेतन सहित अवकाश, 1920 में श्रमिक भविष्य निधि योजना, 1920 में श्रमिक दुर्घटना मुआवजा योजना, 1928 में मातृत्व लाभ, 1934 में प्रॉफिट शेयरिंग बोनस, 1937 में ग्रेच्युटी स्कीम और 1945 में स्टडी लीव योजना शामिल हैं। 1956 में टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जो देश में ट्रेड यूनियन आंदोलन के इतिहास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर श्रमिक वर्ग का 'मैग्ना कार्टा' बन गया। बाद में कंपनी ने 1989 में पेंशन योजना, 1990 में मेडिकल सेपरेशन स्कीम, 1995 में कर्मचारी परिवार लाभ योजना, 2012 में सुरक्षा योजना (अनुबंध कर्मचारियों के लिए), 2014 में परिवार सहायता योजना और 2019 में पितृत्व लाभ योजना जैसी अन्य योजनाओं की शुरुआत की।
टाटा स्टील ने अपनी महिला कर्मचारियों की सहायता के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए हैं, जिनमें तेजस्विनी, पेलोडर्स चालकों के रूप में महिलाओं को काम पर रखने की एक पहल 2003 में शुरू की गई थी। 2020 में तेजस्विनी 2.0 को सभी खानों में भारी मशीन ऑपरेटरों के रूप में महिलाओं को तैनात करने के लिए लॉन्च किया गया था। 2017 में 'वूमेन ऑफ मेटल' कार्यक्रम शुरू किया गया था। यह युवा और जोशीली महिलाओं के लिए एक छात्रवृत्ति कार्यक्रम है। 2018 में, मासिक धर्म अवकाश की शुरुआत की गई, जिससे टाटा स्टील इस लार्ज स्केल सेगमेंट में ऐसा करने वाली पहली कंपनी बन गई। 2018 में महिला कर्मचारियों को दूसरा करियर विकल्प प्रदान करने के लिए 'टेक टू' पालिसी शुरू की गई थी। सितंबर 2019 में, वूमेन@माइंस पहल के तहत ओएमक्यू डिवीजन, माइंस में सभी शिफ्टों में महिलाओं को तैनात करने वाला देश का पहला माइनिंग डिवीजन बन गया। लचीली कार्य व्यवस्थाओं के लिए, कंपनी ने 2020 में एजाईल वर्किंग मॉडल (वर्क फ्रॉम होम और लोकेशन एग्नॉस्टिक रोल्स) पेश किए। टाटा स्टील एक विविध, समावेशी, सुरक्षित और निष्पक्ष कार्यस्थल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 2020 में, इसने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए एक अभियान शुरू किया। उन्हें माइनिंग ऑपरेशन्स में भी तैनात किया गया है।
कंपनी ने वर्ष 2020-21 में 22 महिलाओं के बैच को शामिल किया, जिन्हें नोआमुंडी आयरन माइंस में एचईएमएम (हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी) ऑपरेटरों के रूप में तैनात किया गया है। वेस्ट बोकारो डिवीजन में भी इसी तरह की पहल की गई थी। 2021 में कर्मचारियों को अवसरों की विज़िबिलिटी प्रदान करने और उन्हें एआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक साथ लाने के लिए स्टेपअप (एक आंतरिक प्रतिभा बाज़ार) की शुरुआत की गई थी। न केवल कर्मचारियों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए, बल्कि टाटा स्टील अपने संचालन क्षेत्र के मानव संसाधनों के विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है।
सं. सूरज
वार्ता
image