राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: May 4 2023 10:31PM जातीय जनगणना पर सही ढंग से उच्च न्यायालय में पक्ष नहीं रख पायी सरकार -सुशीलपटना 04 मई (वार्ता) बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि नीतीश सरकार जातीय जनगणना पर पटना उच्च न्यायालय में सही ढंग से पक्ष नहीं रख पायी, जिसके कारण इस पर अंतरिम रोक लगा दी गई । श्री मोदी ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि जातीय जनगणना कराने के विरुद्ध एक भी कानूनी सवाल का जवाब दमदार ढंग से नहीं दे पाने के कारण पटना उच्च न्यायालय में फिर नीतीश सरकार की भद पिटी । उन्होंने कहा कि जनगणना कराने का फैसला उस राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का था, जिसमें भाजपा शामिल थी। भाजपा सांसद ने कहा कि अदालत की अंतरिम रोक के बाद जातीय जनगणना लंबे समय तक टल सकती है और इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं । उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे पर विरोध पक्ष से मुकुल रहोतगी जैसे बड़े वकील बहस कर चुके थे, उस पर जवाब देने के लिए वैसे ही कद्दावर वकीलों को क्यों नहीं खड़ा किया गया । श्री मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना के संबंध में तीन बड़े न्यायिक प्रश्न थे, क्या इससे निजता के अधिकार का हनन होता है, क्या यह कवायद सर्वे की आड़ में जनगणना है और इसके लिए कानून क्यों नहीं बनाया गया । उन्होंने कहा कि सरकार के वकील इन तीनों सवालों पर अपनी दलील से न्यायालय को संतुष्ट नहीं कर पाये। इससे लगता है कि सरकार यह मुकदमा जीतना ही नहीं चाहती थी । भाजपा सांसद ने कहा कि स्थानीय निकायों में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने के मुद्दे पर भी सरकार को झुकना पड़ा था। आयोग की रिपोर्ट अब तक जारी नहीं हुई । उन्होंने कहा कि जनगणना हो या आरक्षण, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को अतिपिछड़ा वर्ग पर नहीं, केवल एम-वाइ समीकरण पर भरोसा है। वे केवल दिखावे के लिए पिछड़ों की बात करते हैं। शिवा सूरजवार्ता