राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: May 14 2023 6:56PM अविभाजित बिहार में बीपीएससी के सदस्य और शिक्षाविद डॉक्टर करमा उरांव का निधनरांची,14 मई (वार्ता) झारखंड में आदिवासी समाज के प्रख्यात मानवशास्त्री, अविभाजित बिहार में बीपीएससी के सदस्य और शिक्षाविद डॉक्टर करमा उरांव का निधन आज यहां मेदांता हॉस्पिटल में हो गया। वह 72 वर्ष के थे। डॉक्टर उरांव पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और इलाज के दौरान आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उल्लेखनीय है कि सरना धर्म कोड सहित झारखंड के कई मुद्दों पर वह अपना पक्ष मजबूती के रखते थे। वह मानवशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष, रांची विश्वविद्यालय के पूर्व डीन, एकीकृत बिहार में बीपीएससी के मेम्बर भी रहे थे। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि महान शिक्षाविद तथा आदिवासी उत्थान के प्रति हमेशा सजग रहने और चिंतन करने वाले डॉ करमा उरांव के निधन का दुःखद समाचार मिला। डॉ करमा उरांव से कई विषयों पर मार्गदर्शन मिलता था। उनके निधन से आज मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे। डॉ उरांव के आकस्मिक निधन पर प्रदेश भाजपा ने भी शोक प्रकट किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि स्व उरांव ने जनजाति समाज के उत्थान के लिए पूरा जीवन लगा दिया। उनका असमय जाना राज्य केलिए अपूरणीय क्षति है।श्री प्रकाश ने आत्मा की शांति केलिए ईश्वर से प्रार्थना की। कहा कि दुःख की घड़ी में परमात्मा परिजनों को धैर्य , साहस प्रदान करें।शोक प्रकट करते हुए भाजपा विधायक दल के नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जनजाति समाज की भाषा ,संस्कृति और कल्याण केलिए स्व उरांव के द्वारा किए गए कार्य उल्लेखनीय है। जो सदैव राज्यवासियों को प्रेरणा देता रहेगा। श्री मरांडी ने उनकी आत्मा की शांति केलिए ईश्वर से प्रार्थना की। कहा कि भगवान उनकी आत्मा को चिर शांति प्रदान करें।विनय वार्ता