Thursday, Apr 25 2024 | Time 04:00 Hrs(IST)
image
राज्य » बिहार / झारखण्ड


बिहार का हक है विशेष राज्य का दर्जा : वशिष्ठ

पटना 21 मई (वार्ता) जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज कह कि विशेष राज्य का दर्जा बिहार का हक है लेकिन इससे उसे वंचित किया जा रहा है।
श्री सिंह ने रविवार को यहां जदयू मुख्यालय में पार्टी नेताओं एवं पदाधिकारियों से विभिन्न विषयों पर चर्चा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि विशेष राज्य का दर्जा बिहार का हक है, जिससे उसे वंचित किया जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव मना रही केंद्र सरकार को राष्ट्रनिर्माताओं के सपनों के मुताबिक यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आजाद भारत में विकास का ‘अमृत’ सभी राज्यों को बराबर मिले। विकसित भारत के लिए विकसित बिहार भी जरूरी है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से न केवल बिहार के विकास को रफ्तार मिलेगी बल्कि यह देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र का भी सम्मान होगा।
जदयू सांसद ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राजस्व के लगभग 67 प्रतिशत स्रोत झारखंड चले गए और बिहार के हिस्से में महज 33 प्रतिशत स्रोत आए जबकि आबादी के मामले में बिहार के हिस्से में तब की कुल आबादी का 65 प्रतिशत आया और झारखंड के हिस्से में मात्र 35 प्रतिशत आबादी गई। कल-कारखाने और प्रचुर खनिज सम्पदा भी झारखंड को मिले। दूसरी ओर बिहार की अर्थव्यवस्था उस कृषि पर निर्भर हो गई, जो बाढ़ और सूखे की मार एक साथ झेलने को अभिशप्त है।
श्री सिंह ने कहा कि ऐसी तमाम चुनौतियों के बावजूद और बिना किसी विशेष अनुदान के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की विकास दर 2005 से अब तक डबल डिजिट में रही है। ऐसे में अगर इसे विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो विकसित राज्यों के साथ कदमताल करने में हमें अधिक वक्त नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 17 वर्षों में श्री नीतीश कुमार ने 12 करोड़ बिहारवासियों के सपनों को लेकर बिहार की जो तस्वीर गढ़नी चाही है, उसे सही आकार मिल पाएगा।
इस दौरान जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, श्री रवीन्द्र प्रसाद सिंह, जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. अमरदीप, प्रदेश महासचिव डाॅ. हुलेश मांझी, श्री संतोष कुशवाहा आदि मौजूद रहे।
सूरज
वार्ता
image