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फर्जी कॉल मामले में आईपीएस आदित्य की जमानत अर्जी खारिज, भेजे गए जेल

पटना 05 दिसंबर (वार्ता) बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल कर पैरवी करने के मामले में पटना की एक विशेष अदालत ने अभियुक्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी आदित्य कुमार की जमानत अर्जी खारिज करते हुए आज उन्हें जेल भेज दिया।
आर्थिक अपराध मामलों की विशेष अदालत की न्यायाधीश सारिका बहालिया की अदालत में आत्मसमर्पण सह जमानत याचिका दाखिल करते हुए आईपीएस आदित्य कुमार की ओर से उन्हें जमानत पर मुक्त किए जाने की प्रार्थना की गई थी। आदित्य कुमार की ओर से उनके वकील वरीय अधिवक्ता एस. डी. संजय ने बहस की जबकि अभियोजन पदाधिकारी रमण कुमार सिन्हा ने जमानत का विरोध किया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आदित्य कुमार के जमानत की प्रार्थना अस्वीकार करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 18 दिसंबर 2023 तक के लिए जेल भेजने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि गया जिले के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमे और विभागीय कार्रवाई को रफा-दफा करने के लिए पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनकर मामले के एक अन्य अभियुक्त द्वारा डीजीपी बिहार को फर्जी कॉल किए जाने को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने मुकदमा संख्या 33/2022 भारतीय दंड विधान की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120बी और 66 तथा 66डी आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया था। इस मामले में फर्जी कॉल करने वाले अभिषेक जायसवाल उर्फ अभिषेक भोपाली एवं आईपीएस आदित्य कुमार समेत पांच लोगों के खिलाफ पुलिस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
सं. सूरज
वार्ता
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