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जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर खेती की नई तकनीक एवं प्रभेद किया विकसित : कुलपति

समस्तीपुर, 26 सितंबर (वार्ता) बिहार में समस्तीपुर जिले के प्रतिष्ठित डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय,पूसा के वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के अनुकूल खेती की नई तकनीकों और प्रभेद विकसित की है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.पी.एस.पाण्डेय ने यहां गुरुवार को "जलवायु अनुकूल कृषि और आपदा प्रबंधन के लिए समृद्ध राष्ट्र" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन देश ही नहीं विश्व के लिए बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को देखते हुए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा जलवायु अनुकूल खेती की नई तकनीकों और प्रभेद विकसित किये गये है। विकसित तकनीकों के माध्यम से बिहार के तेरह जिलों में किसानों‌ को खेती के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र संघ के एशिया पैसिफिक (आपदा प्रबंधन) के अध्यक्ष डॉ. एस. के. श्रीवास्तव ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर पूरे दुनिया को नई राह दिखा रहा है। उन्होंने जी- 20 की चर्चा करते हुए कहा कि भारत के विचारों को पूरी दुनिया ने अपने राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर मान रहे है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में भारत के वैज्ञानिक जिस तरह से काम कर रहे हैं उसे पूरी दुनिया देख रही है।
सम्मेलन में गुजरात एन. ए. यू. विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ.ए.आर.पाठक, आपदा प्रबंधन प्रमुख(यूएनओ) डॉ.संजय कुमार श्रीवास्तव, राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय,पूसा के कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार, निदेशक अनुसंधान डॉ ए.के. सिंह, निदेशक (शिक्षा) डॉ.उमाकांत बेहरा और सूचना पदाधिकारी डॉ. कुमार राज्यवर्धन ने भी कृषि विकास पर प्रकाश डाला।
सं.सतीश
वार्ता
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