नयी दिल्ली 01 फरवरी (वार्ता) उद्योग जगत ने बजट को ‘सबका बजट’ बताते हुये इसके प्रावधानों का स्वागत किया और कहा कि यह कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, समेकित स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और एमएसएमई क्षेत्र के लिए कई सौगातें लाया है।
फिक्की, पीएचडी चैंबर्स, एसोचैम और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसे औद्योगिक संगठनों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में निवेश करने से मांग में बढोतरी होगी जिससे रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। फिक्की के अध्यक्ष राकेश शाह के मुताबिक बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र पर जिस तरह से फोकस किया गया है, वह आने वाले वर्षों में सर्वांगीण विकास में मुख्य भूमिका निभायेगा। इससे खपत में भारी तेजी आयेगी जिससे अन्य संबंधित क्षेत्रों के विकास में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, एमएसएमई क्षेत्र के लिए कर दर में कटौती करने से भी इस क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी और रोजगार सृजन में तेजी आयेगी। फिक्की का यह भी मानना है कि बजट में रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने से अर्थपूर्ण रोजगारों के सृजन में बढ़ोतरी होगी। बजट में करीब एक तिहाई घरों को पाँच लाख रुपये की बीमा राशि वाले नये राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत लाने की घोषणा भी ऐतिहासिक है। यह दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रम होगा और इससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा की मांग बढ़ेगी।
फिक्की ने हालांकि एसटीटी काे जारी रखते हुए एक लाख रुपये से अधिक के इक्विटी निवेश पर दीर्घावधि पूँजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर की घोषणा को निवेशकों के लिए अतिरिक्त बोझ बताया है। लेकिन, साथ ही उसका कहना है कि इससे दीर्घ अवधि में बाजार पर प्रभाव नहीं पड़ेगा क्याेंकि गत 20 साल से बाजार 15 से 16 प्रतिशत तक का रिटर्न दे रहा है और ऐसे में कोई कर अगर डेढ़ प्रतिशत रिटर्न को प्रभावित करता है तो इससे निवेशक हतोत्साहित नहीं होंगे। फिक्की ने साथ ही उम्मीद जतायी है कि जिस तरह के संकेत सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के विलय के संबंध में दिये गये हैं, वैसी ही घोषणा जल्द ही बैंकिंग क्षेत्र के लिए की जायेगी।
अर्चना अजीत
जारी (वार्ता)