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बिजनेस


एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोड़िया का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि पर विशेष जोर दिया है और उन पर सौगातों की बौछार कर दी है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने के साथ-साथ उपभोक्ता मांग बढाने और आर्थिक विकास को तेज करने की दिशा में कई कदम उठाये हैं। बजट अनुकूल है और समाज के उन तबकों को समर्थन देने वाला है, जिन्हें इस सहयोग की जरुरत थी। श्री जेटली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पता है कि कहां-कहां पैसे ही जरुरत है। कृषि और ग्रामीण क्षेत्र दबाव की स्थिति में थे और वहां ग्रामीण बुनियादी ढांचे के लिए बजट में 14.34 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करने से रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा, खासकर कृषि क्षेत्र में।
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कर योग्य आय में प्रतिवर्ष 40,000 रुपये की राहत देने से मध्यम आयवर्ग के पास खर्च के लिए अधिक पैसे होंगे,जिससे उपभोक्ता मांग बढ़ेगी। कृषि बाजार में सुधार की दिशा में 585 ई-मंडियों के लांच करके उन्हें 22,000 एपीएमसी मंडियों से जोड़ना स्वागतयोग्य है। इससे किसानों, एग्री-प्रोसेसिंग से जुड़ी कंपनियों तथा एफएमसीजी कंपनियों को मदद मिलेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागू करने में आने वाली दिक्कत को खत्म करने के लिए वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि नीति आयोग इसके लिए राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित करेगा और सुनिश्चित करेगा कि किसानों को अपने उत्पाद पर समर्थन मूल्य हासिल हो।
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक बजट में विशेष रूप से कृषि, आधारभूत ढांचा, स्वास्थ्य सेवा एवं ग्रामीण विकास पर ध्यान दिया गया है। संगठन के मुताबिक उन्हें इससे निकट भविष्य में उपभोग पर किसी भी तरह के सकारात्मक या नकारात्मक बदलाव की उम्मीद नहीं है। मध्यम वर्ग के हाथों में कोई अतिरिक्त पूंजी नहीं है, जिससे उपभोग में सुधार आ सके। हालांकि बजट में घोषित कई योजनाओं के कारण देश के गरीबों की मूल ज़रूरतें पूरी होंगी। 250 करोड़ रुपये तक की एमएसएमई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर में 25 फीसदी तक की प्रस्तावित कटौती एक सराहनीय घोषणा है, जिसका फायदा बड़ी संख्या में रिटेलर्स को होगा। इससे उन्हें कर में बचत का फायदा मिलेगा, जिसे वे उंची दरों पर चुकाते थे। कुल मिलाकर, बजट में गरीब वर्ग को प्राथमिकता दी गई है जिसका दीर्घकालिक असर होगा लेकिन रिटेल क्षेत्र को कोई तात्कालिक लाभ नहीं मिलेगा।
अर्चना/शेखर
जारी वार्ता
-कुमार राजगोपालन, सीईओ, रीटेलर्स एसोसिएशन आॅफ इण्डिया
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