बिजनेसPosted at: Feb 6 2018 4:13PM सोने की मांग 2017 में नौ फीसदी बढ़ी
नयी दिल्ली 06 फरवरी (वार्ता) सकारात्मक आर्थिक परिदृश्य के कारण मजबूत हुई उपभोक्ता धारणा और धनतेरस के समय कीमतों में आयी गिरावट के बल पर भारत में सोने की मांग गत साल 9.1 फीसदी बढ़कर 726.9 टन रही। इस बढ़त में मुख्य हिस्सेदारी जेवराती मांग की रही है।
विश्व स्वर्ण परिषद् की आज जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस साल पीली धातु की मांग फीकी रहने के आसार हैं। कुछ दिन पहले पेश बजट में सोने और चांदी पर औसत सीमा शुल्क का तीन प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर लगाये जाने और नये पारदर्शी कानूनों के कारण इस साल सोने की मांग 700 से 800 टन के बीच रह सकती है। पीली धातु की मांग इस साल 10 साल के औसत 840 टन से भी कम है। यह लगातार तीसरा साल है जब इसकी मांग 10 साल के औसत से भी कम रही है। वर्ष 2016 में भारत में सोने की मांग 666.1 टन रही थी।
परिषद् के इंडिया ऑपरेशन के प्रबंध निदेशक सोमासुदंरम पी आर के मुताबिक सोने की खपत के मामले में दुनिया के दूसरे बढ़े उपभोक्ता देश में फीकी मांग रहने का असर वैश्विक कीमतों पर भी दिखेगा। पीली धातु की मांग पर सबसे अधिक प्रभाव वस्तु एवं सेवा कर का है। गत साल जुलाई में सोने पर जीएसटी 1.2 प्रतिशत से बढ़कर तीन प्रतिशत कर दी गयी थी। इसके साथ ही यहां अधिक सोना खरीदने पर पैन नंबर देना अनिवार्य कर देने से भी मांग पर असर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गत दिसंबर से पीली धातु के दाम आठ प्रतिशत तक बढ़े हैं।
श्री सोमसुदंरम के मुताबिक इन नये नियमों के कारण छोटे सर्राफा कारोबारियों को अधिक मुश्कल हुई है और ये करीब दो तिहाई बिक्री करते हैं।
अर्चना
जारी वार्ता