बिजनेसPosted at: Apr 20 2018 7:34PM देश के 80 प्रतिशत व्यस्कों के पास बैंक खातानयी दिल्ली 20 अप्रैल (वार्ता) विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में प्रधानमंत्री जनधन योजना के जरिये वित्तीय समावेशन में आयी तेजी का हवाला देते हुये कहा है कि वर्ष 2014 में देश के 53 प्रतिशत व्यस्कों के पास बैंक खाता था जो वर्ष 2017 में बढ़कर 80 फीसदी पर पहुंच गया। विश्व बैंक ने ग्लोबल फिनडेक्स रिपोर्ट में वैश्विक वित्तीय समावेशन में वृद्धि में भारत की भागीदारी का उल्लेख करते हुये कहा है कि वर्ष 2011 में देश के मात्र 35 फीसदी व्यस्कों के पास बैंक खाता था जो वर्ष 2017 में बढ़कर 80 प्रतिशत पर पहुंच गया। इसमें कहा गया है कि चीन में भी 80 फीसदी व्यस्कों के पास बैंक खाता है। रिपोर्ट में जनधन योजना का उल्लेख करते हुये कहा गया है कि इस योजना में बॉयोमीट्रिक पहचान के उपयोग से वित्तीय सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में मदद मिली है। बैंकाें से लिए गये सरकारी आँकड़ों के अनुसार, मार्च 2017 में 28.17 करोड़ जन धन खाते थे जो मार्च 2018 में बढ़कर 31.44 करोड़ पर पहुंच गया। इसी तरह से मार्च 2015 में कुल चालू और बचत खातों की संख्या 122.3 करोड़ थी जो मार्च 2017 में बढ़कर 157.1 करोड़ पर पहुंच गयी। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2014 से 2017 के दौरान कुल 51.4 करोड़ खाते खाले गये। इसी अवधि में भारत में जनधन योजना के तहत 28.17 करोड़ खाते खाेले गये जो वैश्विक स्तर पर खुले कुल खातों का करीब 55 प्रतिशत है। इसमें कहा गया है कि जन धन योजना के तहत खाते खोलने में आयी तेजी से भारत में इस मामले में लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है। इसके साथ ही मुद्रा योजना में भी खुल रहे खातों में से 75 फीसदी महिलाओं के खाते हैं। शेखर अजीत वार्ता