मुम्बई 22 अप्रैल (वार्ता) बीते सप्ताह बढ़त में रहने वाले शेयर बाजार की दिशा अगले सप्ताह कई कारकों से प्रभावित होगी। आगामी सप्ताह कई बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम जारी होने हैं और अप्रैल की डेरिवेटिव निविदा भी समाप्त हो रही है। निवेशकों की नजर इसके अलावा राजनीतिक उथलपुथल, रुपये की चाल, वैश्विक रुख और कच्चे तेल पर भी रहेगी।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.65 प्रतिशत यानी 222.93 अंक की बढ़त के साथ 34,415.58 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 0.80 प्रतिशत यानी 83.45 अंक की तेजी के साथ 10,564.05 अंक पर बंद हुआ। दिग्गज कंपनियों के अलावा मंझोली और छोटी कंपनियों ने भी सप्ताह के दौरान निवेशकों का आकर्षित किया। बीएसई का मिडकैप 121.18 अंक यानी 0.73 प्रतिशत की तेजी के साथ 16,798.94 अंक पर और स्मॉलकैप 1.09 फीसदी यानी 196.04 अंक की छलांग लगाकर 18,178.03 अंक पर बंद हुआ।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने शनिवार को राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा के साथ लोकतंत्र के खतरे में होने का सनसनीखेज बयान भी दिया। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को लेकर उपजा विवाद भी शेयर बाजार में हलचल पैदा कर सकता है। भारतीय मुद्रा पूरे सप्ताह के दौरान गिरावट में रही है और कच्चे तेल में उबाल जारी है। इनका भी असर निवेशकों की धारणा पर रहेगा।
सप्ताह के दौरान सोमवार को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, भारती इंफ्राटेल और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, मंगलवार को भारती एयरटेल, आईडीएफसी बैंक,बुधवार को विप्रो और अल्ट्राटेक सीमेंट,गुरुवार को यस बैंक, एक्सिस बैंक तथा शुक्रवार को मारुति सुजुकी, बंधन बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रिज के परिणाम जारी होने हैं।
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक आॅफ जापान नीतिगत घोषणायें करने वाले हैँ, जो निवेशकों के रुझान को प्रभावित करेंगे।
अर्चना
जारी वार्ता