बिजनेसPosted at: Sep 5 2018 8:45PM दूध को ‘फोर्टीफाइड’ करने की अनिवार्यता पर जोर
नयी दिल्ली 05 सितम्बर (वार्ता) भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं संरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए सामान्य दूध को विटामिन ए , डी और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर बनाने के लिए इसे ‘फॉटीफाइड ’ करने को अनिवार्य बनाने पर बल दिया है ।
एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन अग्रवाल ने आज यहां टाटा ट्रस्ट की ओर आयोजित मिल्क फॉर्टीफिकेशन पर राष्ट्रीय विचार विमर्श के दौरान कहा कि पूरी दुनिया में दूध को सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर करने के लिये इसका फार्टीफिकेशन किया जा रहा है। देश में सहकारी और निजी क्षेत्र की 24 कम्पनियां दूध को पोषक तत्वों से युक्त कर रही हैं जबकि इन क्षेत्रों की 14 कम्पनियां ऐसा नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जो कम्पनियां ऐसा नहीं कर रही हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ।
श्री अग्रवाल ने कहा कि प्राकृतिक दूध जल्द खराब होने वाली वस्तु है इसलिए इसका प्रसंस्करण किया जाना जरुरी है । प्रसंस्करण के दौरान दूध के कुछ सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसलिए दूध में ऐसे तत्वों को अलग से मिलाना जरुरी हो जाता है । उन्होंने कहा कि दूध को फोर्टीफाइड करने का खर्च बहुत कम है और यह प्रति लीटर दो से तीन पैसा आता है। जिन कम्पनियों ने दूध को पोषक तत्वों से युक्त किया है उन्होंने दूध के दाम बढाये भी नहीं हैं ।
अरुण अर्चना
जारी वार्ता