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बिजनेस


इस अवसर पर नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोंर्ड के ग्रुप हेड मीनेष सी शाह ने कहा कि देश में 1950-51 के दौरान सालाना सात करोड़ टन दूध का उत्पादन होता था जो अब बढ़कर साढ़े सोलह करोड़ टन हो गया है। देश में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 355 ग्राम दूध उपलब्ध है। देश में कुल उत्पादित दूध में से 22 प्रतिशत को ही फोर्टीफाइड किया जा रहा है ।
उन्होंने विटामिन की कमी से होने वाली समस्याओं की चर्चा करते हुए कहा कि देश के 70 प्रतिशत लोग विटामिन डी की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसी तरह से विटामिन ए की कमी भी एक गंभीर समस्या बनी हुयी है। उन्होंने कहा कि दूध में फोर्टीफिकेशन को लेकर लोगों में जागरुकता का अभाव है और दूध को कैसे पोषक ततवों से भरपूर बनाया जाये इस पर कार्य किया जा रहा है ।
टाटा ट्रस्ट के वरिष्ठ सलाहकार विवेक अरोड़ा ने कहा कि 57 प्रतिशत बच्चों में विटामिन ए की कमी की समस्या है। इसी तरह से 69 प्रतिशत पांच साल के उम्र के बच्चों तथा महिलाओं में आयरन की कमी की समस्या है। देश में 70 प्रतिशत लोग जरुरत का 50 प्रतिशत ही सूक्ष्म पोषक तत्व ले पाते हैं ।
उन्होंने कहा कि 15 प्रतिशत की दर से दूध का दाम बढ़ रहा है लेकिन बिचौलियों के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। देश में फोर्टिफिकेशन की क्षमता बढाने और इसके प्रति लोगों में जागरुकता लाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रतिदिन 78 लाख लीटर दूध का ही फोर्टीफिकेशन हो रहा है ।
इस अवसर पर फोर्टीफिकेशन के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली कंपनी मदर डेयरी , झारखंड मिल्क फेडरेशन , माही मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी और क्रीमलाइन डेयरी को सम्मानित भी किया गया ।
अरुण अर्चना
वार्ता
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