बिजनेसPosted at: Sep 8 2018 10:14PM बॉयो विमानन ईंधन और बॉयो सीजनजी नीतियां बनेगी: प्रधान
नयी दिल्ली 08 सितंबर (वार्ता) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने स्वच्छ, सक्षम और किफायती मोबिलिटी तंत्र बनाये जाने पर बल देते हुये शनिवार को कहा कि गैस आधारित परिवहन सॉल्युशन प्रदान करने के लिए सीएनजी, एलएनजी और बॉयो सीएनजी के उपयोग को बढ़वा दिया दिया जा रहा है।
श्री प्रधान ने राजधानी में शनिवार को संपन्न दो दिवसीय वैश्विक मोबिलिटी शिखर सम्मेलन ‘मूव’ में कहा कि वैश्विक स्तर पर ईंधन के उपयोग में बदलाव आने के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की खपत में वार्षिक पांच प्रतिशत की बढोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में तेजी आने के बावजूद भारत में अभी तेल शोधन बनाने की जरूरत है। स्वच्छ उर्त्सजन के लक्ष्य को हासिल करने के का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि भारत में बीएस चार के बाद सीधा बीएस 6 मानकों को अपनाया जा रहा है और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस वर्ष अप्रैल से ही बेहतर ईंधन का उपयोग कर रहा है। सरकार ने भारी व्यावसायिक वाहनों के लिए ईंधन दक्षता मानकों को लागू किया गया है।
उन्होंने गैस आधारित परिवहन समाधानों का उल्लेख करते हुये कहा कित सीएनजी, एलएनजी और बॉयो सीएनजी के उपयोग को ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए एक दशक के भीतर करीब 10 हजार सीएनजी स्टेशन लगाने की योजना बनायी गयी है जो आधा भारत में होगा। लंबी दूरी के भारी व्यावसायिक वाहनों के लिए एलएनजी को ईंधन के रूप में उपयोग को बढ़ावा देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकारी तेल कंपनियां और कुछ निजी कंपनियों ने एलएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर बना रही हैं।
श्री प्रधान ने कहा कि 12 बॉयो शोधन संयंत्र लगाये जा रहे हैं और 10 फीसदी ईथनॉल मिश्रण करने के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश की जा रही है। शीघ्र ही बॉयो विमानन ईंधन और बॉयो सीएनजी नीतियां बनायी जायेंगी। इंडियन ऑयल ने 50 हाइड्रोजन सीएनजी बसों को अगले वर्ष चलाने के लिए दिल्ली सरकार से करार किया है।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों का उल्लेख करते हुये कहा कि इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और अर्थव्यवस्था को इलेक्ट्रानिक वाहनों में बदलने में कुछ चुनौतियां है और अंतर मंत्रिस्तीय दल इस मामले में व्यापक नीति बनाने पर काम कर रहा है।
शेखर
वार्ता