बिजनेसPosted at: Sep 17 2018 7:35PM पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का मानदंड दस्तावेज तैयार करने में जुटा डब्ल्यूएचओनयी दिल्ली 17 सितंबर (वार्ता) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) आयुर्वेद, पंचकर्म और यूनानी पद्धति से होने वाली पारंपरिक चिकित्सा के लिये मानदंड तय करने का प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य संगठन का लक्ष्य वैश्विक समुदाय को सुरक्षित और प्रभावी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली मुहैया कराना है।मानदंड तय करने के दस्तावेजों को तैयार करना स्वास्थ्य संगठन और आयुष मंत्रालय के बीच हुये परियोजना सहयोग समझौता (पीसीए) में शामिल है। इन दस्तावेजों के मसौदे की 18 देश के कुल 39 विशेषज्ञ समीक्षा करेंगे। इन विशेषज्ञों में 13 आयुर्वेद के, 13 पंचकर्म के और 13 यूनानी पद्धति के हैं। ऐसे तीन दस्तावेजों के लिए 17 से 19 सितंबर तक जयपुर में डब्ल्यूएचओ कार्यकारी समूह की बैठक का आयोजन हो रहा है। प्रतिदिन चार सत्र वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन आयुष मंत्रालय ने और संयोजन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए), जयपुर ने किया है।इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ के पारंपरिक औषधि विभाग में क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. सुंग्चोल किम ने सभी विशेषज्ञों का स्वागत किया और वित्तीय एवं लॉजिस्टिक मदद के लिए आयुष मंत्रालय का धन्यवाद दिया। उन्होंने व्यावहारिक चिकित्सा व्यवस्था में पारंपरिक चिकित्सा व्यवस्था के एकीकरण की जरूरत पर जोर दिया।इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में बताया और कहा कि डब्ल्यूएचओ इसके लिए मदद कर सकता है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ से भारत के लिए एक विशेष मॉड्यूल और एम-योगा एवं एम-आयुर्वेद इत्यादि जैसे कार्यक्रम आधारित एप्लीकेशन विकसित करने में आयुष मंत्रालय की मदद करने का आग्रह किया।अर्चना सत्यावार्ता