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स्वास्थ्य मंत्रालय का डेल, टाटा के साथ करार

स्वास्थ्य मंत्रालय का डेल, टाटा के साथ करार

नयी दिल्ली 20 सितंबर (वार्ता) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर गैर संचारी रोगों (एनसीडी)के रोकथाम, नियंत्रण, स्क्रीनिंग और प्रबंधन के लिये प्रौद्योगिक आधारित प्लेटफार्म मुहैया कराने के लिये आईटी क्षेत्र की हार्डवेयर कंपनी डेल और टाटा ट्रस्ट के साथ गुरुवार को समझौता ज्ञापन पत्र (एमआेयू) पर हस्ताक्षर किया।

कांप्रिहेंसिव प्राइमरी हेल्थकेयर एनसीडी कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय डेल और टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर काम कर रहा है। स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटाइज करके स्क्रीनिंग कार्यक्रम में मदद के लिये, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने के लिये तथा स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों की उत्पादकता बढ़ाने के लिये और जिला तथा राज्य प्रशासन द्वारा सेवा के निरीक्षण में मदद देने के लिये एक क्लाउड आधारित मोबाइल, वेब और एनालिटिक सॉल्यूशन विकसित की गयी है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस मौके पर कांप्रिहेंसिव प्राइमरी हेल्थकेयर आईटी सॉल्यूशन के तहत एनसीडी आवेदन लिये यूजर मैनुअल भी जारी किया। स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन, टाटा ट्रस्ट के परिष्ठ सलाहकार बुर्जिस तारापुरवाला और डेल के निदेशक जेरेमी फोर्ड भी इस अवसर पर मौजूद थे।

श्रीमती पटेल ने बताया कि कैंसर, मधुमेह, हृदय संबंधी रोगों और स्ट्रोक की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिये चलाये जाने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम बचाव और नियंत्रण संबंधी पहलू पर जोर देते हैं, जिस पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में भी ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत मधुमेह, हाइपरटेंशन और आम तौर पर होने वाले तीन तरह के कैंसर की आबादी आधारित स्क्रीनिंग का निर्णय लिया है। गैर संचारी रोग सहित अलग-अलग 12 सेवाएँ देने के लिये आयुष्मान भारत के तहत डेढ़ लाख उप केंद्रों और जन स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में परिवर्तित करने का फैसला लिया गया है।

उन्होंने बताया कि एक मजबूत प्रौद्योगिक सपोर्ट के बिना इतने व्यापक लक्षित समूह तक पहुँचने की महत्वाकांक्षी योजना सफल नहीं हो सकती। उन्होंने प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म के विकास के लिये डेल का और एनसीडी कार्यक्रम के क्रियान्वन में सहयोग के लिये टाटा ट्रस्ट की प्रशंसा की। यह टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन डेल की सीएसआर इकाई डेल गिविंग द्वारा विकसित की गयी है।

एनसीडी कार्यक्रम 30 साल की उम्र से अधिक के पुरुषों और महिलाओं में मुंह के कैंसर, स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर, मधुमेह और हाइपरटेंशन की स्क्रीनिंग के लिये है। इसे फिलहाल देश के करीब 200 जिलों में चलाया जा रहा है। सॉफ्टवेयर की मदद से देश के हेल्थ ट्रेंड का पता भी लगाया जा सकता है।

अर्चना अजीत

वार्ता

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