बिजनेसPosted at: Feb 17 2019 11:32AM सिनेमाघरों तक दर्शकों को लाने के लिए टिकटों की कीमतें हो कम : एफएफआईनयी दिल्ली 17 फरवरी (वार्ता) फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) ने फिल्म पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को कम किये जाने का स्वागत करते हुये सिनेमाघरों तक दर्शकों को लाने के लिए टिकट की कीमतों में कमी करने की सलाह देते हुये एकल स्क्रीन की अवधारणा को पुनर्जीवित करने और एकल स्क्रीन को मल्टीस्क्रीन में बदलने की प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की है। एफएफआई के अध्यक्ष फिरदौस उल हसन ने यहां यूनीवार्ता से कहा कि भारत में अभी 30,000 स्क्रीनों की जरूरत है जबकि इनकी संख्या 10,000 से भी कम है। उन्होंने कहा कि मल्टी स्क्रीन होने के बाद थियेटरों की टिकटों की कीमतों में हुयी बढोतरी तथा फिल्म पायरेसी से यह उद्योग प्रभावित हुआ है। ऐसी स्थिति में दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने के उपाय किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सिंगल स्क्रीन को बंद होने से बचाने की जरूरत है। इसके साथ ही सिंगल स्क्रीन से मल्टीप्लेक्स में बदलाव की प्रक्रिया को आसान बनाया जाना चाहिए ताकि स्क्रीनों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने फिल्म की टिकटों की कीमतों में कमी लाये जाने वकालत करते हुये कहा कि इसके लिए कर की दरों में कमी लायी जानी चाहिए ताकि दर्शक सिनेमाघरों तक आने के लिए आकर्षित हो सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में लगभग 2000 फिल्मों को प्रमाणपत्र मिला लेकिन इनमें से करीब 700 फिल्मों ने सिनेमा हॉल तक रास्ता बनाने में सफलता पाई। शो की कमी और टिकट की मनमानी कीमतों की वजह से दर्शक सिनेमा हॉल से दूर हो रहे हैं। श्री हसन ने सिनेमा टिकटों पर जीएसटी दर को कम करने की सराहना करते हुये कहा कि पहले इसे उच्चतम श्रेणी में रखा गया था लेकिन अब इसमें कमी की गयी है जो स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि सरकार ने फिल्म उद्योग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरिंग का प्रावधान करने और फिल्म पायरेसी पर अंकुश लगाने के लिए भी कदम उठाये हैं। शेखर दिनेशवार्ता