नयी दिल्ली 19 फरवरी (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक (माल परिवहन) नीति का मसौदा तैयार किया है जिसका उद्देश्य एक एकीकृत, निर्बाध, विश्वसनीय एवं किफायती लॉजिस्टिक नेटवर्क के जरिए आर्थिक विकास की गति तेज करना और व्यापारिक प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाना है।
श्री प्रभु ने यहां लॉजिस्टिक नीति के मसौदे पर आयोजित ‘प्रथम पक्षधारक परामर्श संगोष्ठी’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में लॉजिस्टिक लागत अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा है इसलिए सरकार ने अब विश्व में सबसे दक्ष लॉजिस्टिक प्रदाता बनने का लक्ष्य तय किया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। यह नीति देश में लॉजिस्टिक के एकीकृत विकास के लिए समग्र खाका एवं दिशा उपलब्ध कराएगी। इस नीति का उद्देश्य एक एकीकृत, निर्बाध, विश्वसनीय एवं किफायती लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के जरिए आर्थिक विकास की गति तेज करना और व्यापार से जुड़ी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक दरअसल ‘कारोबार में सुगमता’ का एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है, क्योंकि कारोबार में 80 प्रतिशत सुगमता लॉजिस्टिक से ही संबंधित होती है।
सत्या अर्चना
जारी वार्ता